कचरे के लिए भूमि खरीदने के नाम पर नगर निगम हरिद्वार के खजाने से 58 करोड़ ठिकाने लगाने के आरोप में निलंबित आईएएस वरूण चौधरी की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। विजिलेंस की जांच के साथ उनके कार्यकाल का विशेष आडिट भी कराया जा रहा है। दिल्ली में उनके अच्छे रसूख बताए जा रहे है। देखना होगा वह कितनी मदद कर सकते हैं।
उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह के लिए भी मुश्किल की घड़ी है। एक प्रापर्टी डीलर के साथ उनके एक दोस्त तक विजिलेंस पहुंची तो निलंबित एसडीएम के लिए कठिनाई पैदा हो सकती है। वैसे उनकी राज्य के सत्ताधारी राजनीति में रसूखदार मजबूत है। एक पत्र की चर्चा भी है कि 22 तारीख को जारी पत्र 21 तारीख को तहसील को कैसे प्राप्त हो गया है।
प्रथम जांच के दौरान भी इस पत्र की चर्चा हो रही थी। फिलहाल तो जांच चल रही है कोई भी मुहं खोलने के लिए तैयार नही है।
इस्तीफा देने के बाद युवा व ईमानदार आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल का नाम फिर सुर्खियों में आ गया है। प्रदेश सरकार ने हरिद्वार भूमि घोटाले की जांच के लिए विजिलेंस की पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है, जिसकी जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल को दी गई है। उत्तराखंड गृह…
ब्यूरो: भारत सरकार द्वारा गठित संयुक्त संसदीय समिति ने 'एक देश, एक चुनाव' प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार शुरू कर दिया है। समिति ने सभी राज्यों, including उत्तराखंड, से इस व्यवस्था के संभावित लाभ और हानियों पर छह महीने के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। समिति का कहना…
ब्यूरो : उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना और प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित करना। हाल के महीनों में सरकार ने यह…