मतदान सम्पन्न होने के बाद अब राजनीतिक दल और प्रत्याशी आसन्न परिणामों के गुणा-भाग में जुट गये हैं। एक्जिट पोल की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। तटस्थ आंकलन के अनुसार कांग्रेस ने हरिद्वार शिवालिक नगर में चुनाव के अंतिम दौर में अपनी स्थिति में काफी सुधार किया। जबकि भाजपा शुरू की अपनी बढ़त को प्रचार के दौरान बहुत आगे नहीं ले जा पाई। हरिद्वार में भाजपा की किरण जैसल के कांग्रेस से बेहतर दिखने के बावजूद कई वार्डों में भाजपा पार्षद प्रत्याशियों की नैया डोलती दिखाई दे रही है। जिससे हरिद्वार नगरनिगम में एकबार फिर 2018 जैसे परिणाम और हालात उत्पन्न होने की आशंका बन रही है। हालांकि इसबार सदन में राजनीतिक रूप से परिस्थितियां बदलीं हुई रह सकतीं हैं लेकिन यह परिणाम एकबार फिर निगम में मेयर अनिता शर्मा के बोर्ड जैसी परिस्थितियों के दर्शन करा सकते हैं। कांग्रेस की जहां बागियों और निर्दलीयों के कारण सीटें बदल सकती हैं वहीं भाजपा को उत्तरी हरिद्वार सहित करीब 8-10 वार्डों में नीचा देखना पड़ सकता है। भाजपा का तालमेल रहित चुनावी प्रबंधन, गुटबाजी और भाजपा समर्पित संत वोटों का नगर में न होना भी भाजपा को पहले के सापेक्ष कमजोर करता दीख रहा है।कुल मिलाकर एकबार फिर मिश्रित बोर्ड के हालात नजर आ रहे हैं जिससे निगम का आनेवाला समय भी राजनीतिक द्वंद्व का ही दिखाई दे रहा है…
Reported By: Ramesh Khanna