एम्स, ऋषिकेश में संचालित बहुविषयक मेटाबोलिक स्वास्थ्य और मोटापा क्लिनिक का औपचारिक शुभारंभ किया गया। यह क्लिनिक मोटापे और चयापचय संबंधी विकारों से ग्रस्त मरीजों के लिए व्यापक मूल्यांकन, रोकथाम और उपचार में सहायक साबित हो रहा है। गत वर्ष से संचालित इस क्लिनिक में एक ही छत के नीचे विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा साक्ष्य-आधारित उपचार प्रदान किया जा रहा है।
क्लिनिक का उद्घाटन संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, संकायाध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी, और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्य श्री ने किया। उन्होंने बताया कि क्लिनिक के माध्यम से मरीजों को विभिन्न विभागों से जुड़ी सेवाएं एक साथ मिल रही हैं।
एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए चिकित्सकीय टीम की सराहना की। प्रो. जया चतुर्वेदी ने इस पहल की प्रशंसा की और बताया कि यह क्लिनिक रोगियों के लिए बहुत लाभकारी साबित हो रही है।
मल्टीडिसिप्लिनरी अप्रोच
मोटापे से ग्रसित मरीजों के लिए यह क्लिनिक एंडोक्रिनोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, साइकियाट्री, मेडिसिन, और पल्मोनरी मेडिसिन विभागों का संयुक्त प्रयास है। क्लिनिक प्रत्येक शनिवार को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ओपीडी में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक संचालित होता है।
सफल इलाज
पिछले वर्ष 345 मरीजों का सफल इलाज किया गया। इनमें से कई मरीजों को वजन घटाने में मदद मिली और मधुमेह, उच्च रक्तचाप, फैटी लीवर जैसी समस्याओं का समाधान हुआ। क्लिनिक ने एक मरीज की बेरियाट्रिक सर्जरी भी की, जिससे उसे 5 महीनों में 24 किलोग्राम वजन कम हुआ।
विशेषज्ञों के विचार
मनोचिकित्सा विभाग के प्रो. रवि गुप्ता ने बताया कि मोटापा नींद की समस्याओं से जुड़ा है और इसे नियंत्रण में रखना मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। प्रो. रविकांत ने मोटापे के इलाज में एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डॉ. लोकेश अरोड़ा ने बेरियाट्रिक सर्जरी की प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला।
एम्स के इस क्लिनिक के माध्यम से मोटापे और चयापचय संबंधी विकारों का समग्र उपचार मरीजों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।
Reported By: Arun Sharma