बीते सप्ताह, एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित संजीवनी हेली एंबुलेंस सेवा ने तीन गंभीर मरीजों की जान बचाई। राज्य सरकार के सहयोग से इस सेवा का संचालन किया जा रहा है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
चमोली जिले के गोपेश्वर में एक दर्दनाक हादसे में भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल दयाराम को स्थानीय अस्पताल से एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। यहां ट्रॉमा सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर रूबी कटारिया और उनकी टीम ने मरीज का उपचार शुरू किया, और अब उनकी स्थिति में सुधार है।
दूसरे मामले में, उत्तरकाशी के जिला महिला अस्पताल से एक मरीज शीतल को अत्यधिक रक्तस्राव के कारण गंभीर हालत में हेली एंबुलेंस के जरिए एम्स ऋषिकेश लाया गया। गायनी विभाग की डॉक्टर पूनम की देखरेख में उसका उपचार किया गया, और अब उसकी स्थिति में सुधार हो रहा है।
तीसरे मामले में, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से मिर्गी और उच्च रक्तचाप से पीड़ित सुरेंद्र को भी संजीवनी हेली एंबुलेंस से एम्स लाया गया, जहां इमरजेंसी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उसे तत्काल उपचार दिया।
भारत सरकार की पहली निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा, जो एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित है, पहाड़ी क्षेत्रों में जीवन रक्षक साबित हो रही है। इस सेवा की बदौलत, गंभीर मरीजों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल रही है, जिससे उनकी जान बचाई जा रही है।
एम्स निदेशक का बयान
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक, प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा, “संजीवनी हेली एंबुलेंस सेवा पहाड़ों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह सेवा गंभीर मरीजों को तुरंत एम्स तक पहुंचाकर जीवनदान देने में सक्षम हो रही है।”
Reported By: Arun Sharma