कचरे के लिए भूमि खरीदने के नाम पर नगर निगम हरिद्वार के खजाने से 58 करोड़ ठिकाने लगाने के आरोप में निलंबित आईएएस वरूण चौधरी की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। विजिलेंस की जांच के साथ उनके कार्यकाल का विशेष आडिट भी कराया जा रहा है। दिल्ली में उनके अच्छे रसूख बताए जा रहे है। देखना होगा वह कितनी मदद कर सकते हैं।
उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह के लिए भी मुश्किल की घड़ी है। एक प्रापर्टी डीलर के साथ उनके एक दोस्त तक विजिलेंस पहुंची तो निलंबित एसडीएम के लिए कठिनाई पैदा हो सकती है। वैसे उनकी राज्य के सत्ताधारी राजनीति में रसूखदार मजबूत है। एक पत्र की चर्चा भी है कि 22 तारीख को जारी पत्र 21 तारीख को तहसील को कैसे प्राप्त हो गया है।
प्रथम जांच के दौरान भी इस पत्र की चर्चा हो रही थी। फिलहाल तो जांच चल रही है कोई भी मुहं खोलने के लिए तैयार नही है।
Reported By: Ramesh Khanna