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दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में एक संगीत कार्यक्रम में आम श्रोता और संगीत प्रेमियों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के स्वर्णिम युग के गायकों और वादकों के संगीत का भरपूर आनंद लिया.
निकोलस हॉफलैंड ने इस संदर्भ में उपस्थित लोगों के समक्ष पुराने भूले बिसरे गीतों पर वीडियो व्याख्यान द्वारा एक शानदार प्रस्तुति दी गयी….
इस कार्यक्रम में निकोलस द्वारा उस्ताद अब्दुल हलीम जाफ़र खाँ, उस्ताद विलायत खाँ साहब, उस्ताद इरशाद खाँ,मल्लिकाजुर्न मंसूर का गायन,जलसाघर की बेगम अख्तर,पंडित कृष्ण राव शंकर पंडित, पटियाला घराना क़े उस्ताद बड़े गुलाम अली खां, उस्ताद आमीर खाँ, सौमिक दत्ता
कौशिकी चक्रवर्ती द्वारा किये गए शास्त्रीय गायन के विविध टुकड़ो की रिकार्डिंग सुनाकर उनके विविध पक्षों पर महत्वपूर्ण सांगितिक जानकारी दी गयी. इसे उपस्थित श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर आंनद लिया….
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र का बाल अनुभाग की व्यापक स्तर पर सामुदायिक भावना से सीखने-सिखाने का एक बेहतरीन केंद्र है. बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने की दृष्टि से आज सुपरिचित रंगकर्मी सुभाष रावत के ड्रामाडेरा नाट्य संस्था के सहयोग से 9-16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए तीन दिवसीय रचनात्मक नाट्य कार्यशाला की का आयोजन किया गया.
कल्पना और अभिव्यंजक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई कार्यशाला में थिएटर के हर पहलू को शामिल किया गया है। रावत के मार्गदर्शन में प्रतिभागी कहानी-आधारित नाटक निर्माण में लगे हुए हैं, आवाज और गति के साथ स्वतंत्र रूप से प्रयोग कर रहे हैं। पहले दिन, बच्चों को नवोन्मेषी शारीरिक और आवाज अभ्यासों के माध्यम से सीमाओं को पार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसने पूरे कार्यक्रम के लिए एक जीवंत माहौल तैयार किया। इसमें विविध स्कूलों के 20 से अधिक बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया. यह कार्यशाला कुल 3 दिन चलेगी…
Reported By: Shiv Narayan