देहरादून,
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने सचिवालय में SAARA स्प्रिंग एंड रिवर रेजुलेशन ऑथोरिटी की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिया कि समस्त जनपदों में वैज्ञानिक आधार पर जल संसाधनों के सतत विकास हेतु योजना बनाई जाए।
अपर मुख्य सचिव ने एनआईएच और आईआईटी रूड़की द्वारा नयार, शिप्रा, गौड़ी तथा सोग नदी की दीर्घकालिक उपचार योजनाओं हेतु किए जा रहे अध्ययन की समीक्षा करते हुए सभी कार्यों को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव ने SARRA को प्रत्येक जिले मे जल स्रोत, नदी एवं सहायक धाराओं के उपचार मॉडल को विकसित करने को कहा ताकि इस महत्वाकांक्षी कार्य को आगे बढ़ाने हेतु इस मॉडल को विभिन्न विभागों और आम जनमानस द्वारा अपनाए जाने हेतु प्रेरित किया जा सके।
बैठक मे अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी sarra, नीना ग्रेवाल द्वारा बताया गया कि राज्य में विभिन्न जनपदों द्वारा SARRA के साथ convergence द्वारा जल स्रोतों के पुनरुद्धार हेतु कार्य किए जा रहे हैं और वर्तमान तक जनपदों से जल स्रोतों को वैज्ञानिक आधार पर उपचारित करने हेतु 29 करोड़ की कार्य योजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिसमें SARRA द्वारा 12 करोड़ रुपये convergence के रूप में आबंटित किए जा रहे है।
सारा की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा टिहरी जिले की आरगाड़और सोंग सहायक नदी/धारा के वैज्ञानिक रूप से उपचार हेतु प्रस्तावित योजनाओं को भी अनुमोदित किया गया जिनकी लागत 8.16 करोड़ रुपये है।
बैठक मे Dehradun के भूजल स्तर के रिचार्ज हेतु 51 रिचार्ज shaft निर्मित करने हेतु स्वीकृत प्रदान की गई इनका निर्माण विभिन्न सरकारी इमारतों के प्रांगण में लघु सिंचाई विभाग द्वारा केन्द्रीय भू जल बोर्ड की सहायता से किया जाएगा।
बैठक मे NIH, IIT Roorke, केंद्रीय भूजल बोर्ड, वन, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, ग्राम विकास, आदि केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों ने प्रतिभाग किया।
Reported by- Rajesh Kumar