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उत्तराखंड… जहां देवभूमि की हवा में श्रद्धा घुली है… जहां हिमालय की ऊँचाइयों को छूते हुए चारधाम यात्रियों की आस्था परवाज़ भरती है… लेकिन अब वहीं आस्था के इस सफर पर मंडरा रहा है एक और खतरा…हाल के दिनों में यहां हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जो न केवल तीर्थयात्रियों के लिए खतरा बन रही हैं, बल्कि एविएशन सुरक्षा पर भी सवाल उठा रही हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उड़ने वाले ये हेलिकॉप्टर अब सवालों के घेरे में हैं — आखिर क्यों बढ़ रहे हैं ये हादसे? देखिए रिपोर्ट
15 जून की सुबह… वक्त करीब साढ़े पांच बजे… केदारनाथ से उड़ा एक हेलीकॉप्टर कभी गुप्तकाशी नहीं पहुंच पाया। गौरीकुंड के जंगलों में यह हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। “इस हादसे में पायलट राजवीर सिंह चौहान समेत सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई — जिनमें एक दो साल की मासूम काशी भी थी। । शुरुआती जांच में खराब मौसम को इसका मुख्य कारण बताया गया, जिसमें कम दृश्यता और घने बादल शामिल थे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस हादसे पर गहरा दुःख जताया। लेकिन सवाल अब इससे आगे हैं। हर बार मौसम ही दोषी? या उड़ानों की तैयारी में कहीं कोई चूक?”
पुष्कर सिंह धामी,सीएम उत्तराखंड
“चारधाम यात्रा 2025 को शुरू हुए अभी सिर्फ 50 दिन ही हुए हैं… और इतने कम वक्त में हो चुके हैं 5 बड़े हादसे। हादसे जो ना सिर्फ डराते हैं, बल्कि एक बड़ा सवाल भी उठाते हैं — क्या आस्था की ये यात्रा अब खतरे की उड़ान बनती जा रही है?” एक नजर डालते है उन आंकड़ों पर…
8 मई 2025: उत्तरकाशी के गंगनानी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ, जिसमें छह लोगों की मौत हुई और एक यात्री गंभीर रूप से घायल हुआ।
2 मई 2025: बद्रीनाथ से लौट रहा एक हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण राईका ऊखीमठ में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।
17 मई 2025: केदारनाथ में एक हेली एंबुलेंस क्रैश लैंडिंग का शिकार हुई, सौभाग्यवश सभी यात्री सुरक्षित रहे।
7 जून 2025: केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे एक हेलीकॉप्टर की तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग में हाईवे पर क्रैश लैंडिंग हुई। इसमें कोई जनहानि नहीं हुई।
15 जून 2025: गौरीकुंड में आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश, सात लोगों की मौत।
वहीं अब इन लगातार हो रहे हादसों पर प्रदेश का प्रमुख विपक्ष भी मुखर हो गया है। विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं
वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना,वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस
वहीँ भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम के एक बयान से बवाल मचा हुआ है. ये बवाल हवाई हादसों पर दुष्यंत गौतम के विवादित बयान से मचा है.
दुष्यंत गौतम के इस बयान के बाद प्रदेश की पॉलिटिक्स में स्टेटमेंट वॉर छिड़ गया है. कांग्रेस इस पर हमलावर मोड में है।
भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम
गरिमा दसौनी कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता
उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसों के पीछे मौसम, तकनीकी खामियां और रखरखाव की लापरवाही जैसे कई गंभीर कारण सामने आ रहे हैं। हिमालय का मौसम पल भर में बदल जाता है — घना कोहरा, तेज हवाएं और कम दृश्यता पायलटों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनती हैं। वहीं तकनीकी खराबी और रखरखाव में कमी ने जोखिम और बढ़ा दिया है। पुराने और सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर, जिनमें इंजन फेल होने पर कोई बैकअप नहीं होता, ऐसे दुर्गम इलाकों में हादसों की आशंका को और गंभीर बना देते हैं। 7 जून को रुद्रप्रयाग में हुई इमरजेंसी लैंडिंग इसका ताजा उदाहरण है। अब सवाल ये है — क्या चारधाम जैसी संवेदनशील यात्रा में सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर ज़रूरी सबक लेगी? या हादसों के आंकड़े ही हर साल हमारी आंखें खोलते रहेंगे?
Reported By: Arun Sharma