11 दिसंबर को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की बैठक बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और संस्कृत शिक्षा निदेशक आनंद भारद्वाज के निर्देशन में देहरादून स्थित केनाल रोड कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य संस्कृत शिक्षा को उन्नत बनाना और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ इसे जोड़ने के प्रयास करना था।
मुख्य बिंदु और चर्चाएं
बैठक में संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों की प्रशासनिक योजना, वर्गीकरण, नियुक्तियों, और आवश्यक पदों के सृजन पर चर्चा की गई। साथ ही, विद्यालयों की मूलभूत संरचनाओं जैसे छात्रावास, भोजन व्यवस्था, ड्रेस कोड, खेलकूद सुविधा, और शौचालय निर्माण पर भी विचार-विमर्श किया गया।
मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा कि संस्कृत को आधुनिक शिक्षा से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने संस्कृत शिक्षा को छात्रों के शैक्षिक भ्रमण और शीतकालीन यात्रा से जोड़ने की बात कही। बीकेटीसी के निर्देशन में संस्कृत महाविद्यालय कमेड़ा (नंदप्रयाग) के प्रधानाचार्य हरीश तोपवाल के नेतृत्व में छात्र-छात्राएं शीघ्र ही योग बदरी पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ का शीतकालीन भ्रमण करेंगे।
संस्कृत शिक्षा का विस्तार और प्रयास
संस्कृत शिक्षा निदेशक आनंद भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत शिक्षा को प्राइमरी स्तर से शुरू करना जरूरी है ताकि माध्यमिक कक्षाओं में छात्रों की संख्या में वृद्धि हो सके। उन्होंने विद्यालयों में शैक्षणिक अनुशासन और रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयासों की जानकारी दी।
बैठक में यह भी बताया गया कि उत्तराखंड सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में संचालित संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों का वर्गीकरण किया गया है। बीकेटीसी के अंतर्गत आठ स्थानों पर संचालित संस्कृत महाविद्यालयों और विद्यालयों में भौतिक संसाधनों और अध्यापकों की कमी को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्य योजनाएं और लाभ
- पद सृजन और पुनर्गठन: संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, सहायक प्रवक्ता, सहायक अध्यापक, और अन्य पदों का सृजन और पुनर्गठन किया जाएगा।
- आवासीय सुविधाएं: जोशीमठ, मंडल, विद्यापीठ, शोणितपुर, और सिमली (कर्णप्रयाग) में संचालित आवासीय विद्यालयों के छात्रों को प्रति माह 1000 रुपये की भोजन व्यवस्था प्रदान की जाएगी। अन्य छात्र-छात्राओं को 500 रुपये मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- शीतकालीन यात्रा: शासन की मंशा के अनुरूप शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
उपस्थित प्रतिभागी
बैठक में प्रमुख रूप से विजय प्रसाद थपलियाल, आनंद भारद्वाज, गिरीश देवली, जनार्दन प्रसाद नौटियाल, डॉ. नित्यानंद पोखरियाल, आचार्य वाणी विलास डिमरी, हरीश तोपवाल, नवीन सेमवाल, देवराज सिंह रावत, और बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ सहित अन्य अधिकारी एवं प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।
यह बैठक संस्कृत शिक्षा के विकास और इसे आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। सरकार और बीकेटीसी की प्रतिबद्धता संस्कृत के प्रचार-प्रसार और छात्रों को बेहतर शैक्षिक सुविधाएं देने के लिए स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
Reported By : Arun Sharma