देहरादून,
प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति” के प्रारुप को अन्तिम रुप देने को लेकर सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस दौरान मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि महिला नीति निर्माण को लेकर आवश्यक बिन्दुओं को शामिल करते हुए अतिशीघ्र “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति” के प्रारुप को अन्तिम रुप दिया जाय ताकि आगामी 09 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति” को प्रदेश की महिलाओं को समर्पित किया जा सके।
उन्होंने अधिकारियों को जोर देकर कहा कि ”उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति” का निर्माण इस प्रकार से किया जाय कि प्रदेश की महिलाओं का आर्थिक व सामाजिक हर तरह से सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीत” के तैयार प्रारुप में राज्य बजट में महिलाओं हेतु बजट प्रतिशत निर्धारण करने, मानसिक रुप से अस्वस्थ महिलाओं के उपचार हेतु विशेष केन्द्र खोले जाने, दिव्यांगता की श्रेणी व दिव्यांगता के प्रकार को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने व सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था बनाने, आयुवर्ग को ध्यान में रखते हुए अपराधों से सुरक्षा हेतु व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया।
महिला कल्याण मंत्री ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिलाओं एवं कामकाजी महिलाओं की चुनौतियों को कम करने हेतु व्यवस्था बनाने, ग्रामीण व शहरी महिलाओं की परिवार, समाज व कार्यक्षेत्र में चुनौतियों को कम करने हेतु व्यवस्था बनाने, ओला, उबर जैसी वाहन सेवा प्रदान करने सम्बन्धी व्यवस्था बनाने, सेक्स वर्कर के पुनर्वास व सक्षमता हेतु व्यवस्था बनाने, रेप जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के मकसद से 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचने वाली आपत्तिजनक पोस्ट, वीडियो आदि की पहुंच पर रोक लगाने की व्यवस्था बनाने जैसे बिन्दुओं को भी “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीत” में शामिल करने को कहा ।
देखिये वीडियो-
महिला निति को लेकर क्या बोल रही है मंत्री जी।
-Crime Patrol