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पीयूष जोशी को “उत्तराखंड शिरोमणि सम्मान–2025” से नवाजा गया। यह सम्मान उनकी सामाजिक सक्रियता, पारदर्शिता के लिए संघर्ष और जनकल्याण कार्यों के लिए दिया गया।
मुख्य बिंदु: पत्रकारों का आभार: आंदोलन और जनहित कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका की सराहना।
माधवी फाउंडेशन की सेवा: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 10,000+ परिवारों को राहत सहायता।
युवा एकता मंच का संघर्ष: बेरोज़गारी, भर्ती घोटाले, छात्रों और युवाओं के मुद्दों पर धरना–प्रदर्शन और जनजागरूकता।
RTI के ज़रिए पारदर्शिता: स्वास्थ्य, शिक्षा, खनन, पशुपालन जैसे क्षेत्रों में दर्जनों आरटीआई दायर कर भ्रष्टाचार उजागर।
स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा शिविर: 50+ शिविर, 1000+ मोतियाबिंद ऑपरेशन, टेली–मेडिसिन और पशुपालकों की मदद।
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान: UPSC कोचिंग की पहल, मेंटरशिप नेटवर्क और स्टडी मटेरियल वितरण।
आवारा पशु आंदोलन: दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पशु बाड़ों और सुरक्षित मार्गों की मांग पर प्रशासन से समाधान।
राष्ट्रीय मान्यता: स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुरस्कार–2024 और अलवर (राजस्थान) में विशेष सम्मान।
सार:
पीयूष जोशी का यह योगदान उत्तराखंड में पारदर्शिता, जनसेवा और युवा नेतृत्व को एक नई दिशा देता है। उनका संदेश स्पष्ट है – राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक सुधार की ओर बढ़ना ही असली नेतृत्व है।
नारा:
“आपका सहयोग, आपका भरोसा – हमारी कामयाबी है।”
जय उत्तराखंड!
Reported By: Arun Sharma