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निकाय चुनाव: मतदाता सूची से कई मतदाताओं के नाम गायब, गरमाई सियासत

Uttarakhand Politics

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निकाय चुनाव में मतदान के दिन कई वोटर अपना वोट ढूंढने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इसमें न केवल आम आदमी ही नही बल्कि बड़े ओहदे पर बैठ चुके पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का वोटिंग लिस्ट से नाम गायब हो गया है। लिस्ट से नाम गायब होने पर पूर्व सीएम हैरान है आपको बतादें 2009 से हरीश रावत लगातार देहरादून में वोट डाल रहे हैं। हरीश रावत ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की हरीश रावत ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने कहा उनके सर्वर डाउन चल रहा है। इसको लेकर पूर्व सीएम ने धामी सरकार पर भी हमला किया उन्होंने कहा कि यह चमत्कारों की पार्टी है चुनाव बाले दिन सर्वर डाउन होना यह सिर्फ भाजपा सरकार में ही मुमकिन है।

हरीश रावत,पर्व सीएम उत्तराखंड

मतदाता सूची में नाम नही होने के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कई गंभीर सवाल उठाए। कहा, मतदान को लेकर हरीश रावत कितने जागरूक हैं, यह इस बात से ही पता लगता है कि मतदान के दिन वह अपने मत को ढूंढने निकलते हैं। दअरसल उन्हें यह मालूम ही नहीं वह कहां के मतदाता है ? क्योंकि कभी वह हरिद्वार से चुनाव लड़ते हैं, कभी अल्मोड़ा से चुनाव लड़ते हैं कभी उधम सिंह नगर से लड़ते हैं। उन्हें यह ही मालूम ही नहीं कि वे ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता है या शहरी क्षेत्र के दरअसल सच्चाई यह है कि जब हार स्पष्ट सामने दिखाई देने लगती है तो आदमी इसी तरीके की बहानेबाजी करता है। उनका देहरादून में अपना वोट ढूंढना, इसी और इशारा करता है। इसलिए उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि उन्हें भी जागरूक मतदाता बनना चाहिए और समय रहते अपने मत को सुनिश्चित करना चाहिए था: प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट 

 

इसी तरह दून अस्पताल के पूर्व एमएस डॉक्टर के सी पंत भी एक से दूसरे बूथ के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एमकेपी कॉलेज में अपना वोट कास्ट किया था। लेकिन अब उनका नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं मिल पा रहा है ।उनके परिवार में चार सदस्य हैं किसी का भी नाम मतदाता सूची में उन्हें नहीं मिल पा रहा है और वह दो से तीन बूथों के चक्कर सवेरे से काट रहे हैं लेकिन उनका नाम नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि वोट देना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन उन्हें इस अधिकार से वंचित किया जा रहा है। डॉ केसी पंत का कहना है कि इससे पूर्व चुनावों के समय कंवेंसिंग करने आने वाले लोग घर पर एक स्लिप दे जाते थे। इस बार उन्होंने घर पर स्लिप नहीं दी। उनका कहना है कि इस बार वह सारी वोटर लिस्ट खंगाल चुके हैं लेकिन उनके परिवार के चारों नाम वोटर लिस्ट में नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि वोट देना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन आज उन्हें वोट देने से वंचित होना पड़ रहा है।

डॉ केसी पंत पूर्व मेडिकल सुपरिंटेंडेंट दून अस्पताल और वर्तमान में संविदा में कार्यरत दून अस्पताल में चिकित्सा

निकाय चुनाव के बीच कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव प्रक्रिया में धांधली का मुद्दा उठाया है प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने कहा कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हैं, जिससे जनता का विश्वास चुनाव प्रक्रिया से उठ रहा है कांग्रेस ने इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य करार दिया है और राज्य निर्वाचन आयोग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है कांग्रेस ने कहा कि जब बैलेट पेपर से चुनाव का निर्णय हुआ था तब हमने इसे लोकतंत्र की एक नई शुरुआत के रूप में देखा था लेकिन हमें क्या पता था कि भाजपा पहले से प्लान B तैयार रखे हुए है इस दौरान कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने कहा कि कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग से तत्काल बाहर आकर बयान जारी करने और निष्पक्ष जांच करने की मांग की है उन्होंने कहा कि अगर इस पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो लोकतंत्र पर जनता का भरोसा कमजोर होगा।

 गरिमा मेहरा दसोनी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

इसी बीच हर्रावाला निवासी मतदाता ने बताया की वह कई साल से वोट डालते आए है लेकिन इस बार उनका नाम ही मतदाता लिस्ट से गायब है। चुनाव आयोग की लिस्ट में नाम दर्ज है लेकिन नगर निगम की वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं होने से वह वोट नहीं डाल पाए।

मतदाता

 

Reported By: Arun Sharma

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