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युवा प्रतिनिधिमंडल से संवाद: कानून प्रवर्तन और सामुदायिक पुलिसिंग पर विस्तृत विचार-विमर्श

Uttarakhnad Police

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ब्यूरो:   देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों — IITs, IIMs, NLUs और केंद्रीय विश्वविद्यालयों — से आए 50 छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने छात्र संसद इंडिया के राष्ट्रीय गवर्नेंस टूर के अंतर्गत उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ से सरदार पटेल भवन, देहरादून में भेंट की।

इस अवसर पर आयोजित ओपन हाउस संवाद सत्र में “कानून प्रवर्तन और सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से जन सुरक्षा को सुदृढ़ करने” विषय पर सार्थक चर्चा हुई। सत्र का उद्देश्य छात्रों को पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली, समकालीन सुरक्षा चुनौतियों और तकनीकी नवाचारों से परिचित कराना था।

पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) रचिता जुयाल ने उत्तराखंड पुलिस की संगठनात्मक संरचना, मिशन, विजन और अभियानों की जानकारी साझा की। वहीं, CO साइबर सेल अंकुश मिश्रा ने साइबर अपराध, डार्क वेब, डिजिटल फ्रॉड, और उत्तराखंड पुलिस द्वारा उठाए गए तकनीकी व जन-जागरूकता उपायों पर प्रकाश डाला।

सत्र के दौरान छात्रों ने उत्साहपूर्वक सवाल पूछे जिनका उत्तर डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया। संवाद में छात्रों की भागीदारी और समझ की गहराई उल्लेखनीय रही।

प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड पुलिस की तकनीक-संपन्न, पारदर्शी एवं जनसहभागिता आधारित कार्यप्रणाली की प्रशंसा की, और पुलिस के “सेवा, सुरक्षा, और विश्वास” के सतत प्रयासों की सराहना की।

पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा—

> “युवाओं को शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली से प्रत्यक्ष जुड़कर न केवल सीखने का, बल्कि समाज में सार्थक योगदान देने की दिशा में सोचने का अवसर प्राप्त होता है। उत्तराखंड पुलिस युवाओं के साथ संवाद एवं सहभागिता को भविष्य की सुरक्षित और सशक्त व्यवस्था की नींव मानती है।”

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