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“1955 से स्थापित श्री बनखंडी रामलीला कमेटी में बढ़ता विवाद: लोकतंत्र और पारदर्शिता की मांग”

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ऋषिकेश,

शहर की सबसे पुरानी श्री बनखंडी रामलीला कमेटी, जो 1955 से स्थापित है, में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार की शाम, कमेटी के पूर्व सदस्य, कलाकार, और स्थानीय क्षेत्रवासियों ने एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें वर्तमान पदाधिकारियों की कथित मनमानी और तानाशाही के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया।

बैठक में, पिछले 15 वर्षों से कुछ ही पदाधिकारियों द्वारा कमेटी पर अवैध कब्जा कर रामलीला का व्यवसायीकरण करने पर कड़ी नाराजगी जताई गई। अशोक थापा ने कहा कि रामलीला कमेटी का उद्देश्य स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए मंच प्रदान करना था, लेकिन अब बाहर से कलाकारों को बुलाकर स्थानीय प्रतिभाओं की उपेक्षा की जा रही है। रोहिताश पाल ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से कमेटी में पारदर्शी और लोकतांत्रिक चुनाव नहीं हो रहे हैं, जो चिंता का विषय है।

मदन कुमार शर्मा और योगेश कालरा ने भी वर्तमान पदाधिकारियों पर राजनीति करने का आरोप लगाया, और कहा कि इस धार्मिक और सामाजिक संस्था का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। रामलीला कमेटी की जमीन, जो सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग में आनी चाहिए, उसका मूल उद्देश्य खत्म होता जा रहा है।

बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि कमेटी के नए चुनाव कराए जाएं, ताकि योग्य और नए पदाधिकारी चुने जा सकें।

बैठक में कई प्रमुख स्थानीय कलाकार और समाजसेवी उपस्थित थे, जिन्होंने कमेटी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया और पारदर्शिता बहाल करने की मांग की।

 

 

 

Reported by- Arun Sharma

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