उपनल कर्मचारी संघ के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। यह मामला उपनल कर्मचारियों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया, जब अदालत ने राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब माँगा। दरअसल, उच्च न्यायालय ने पहले उपनल कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन राज्य सरकार ने उस फैसले पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों वह न्यायालय के आदेशों को लागू नहीं कर रही है।
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है। यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार को अदालत के आदेश का सम्मान करना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार लगातार न्यायालय के निर्देशों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है, क्योंकि जब अदालत ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था, तब उसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए था। यदि राज्य सरकार को कोई आपत्ति थी, तो उसे इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के दौरान अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए थी।
यशपाल आर्य ने यह भी कहा कि अब पुनर्विचार याचिका दायर करना कोई औचित्य नहीं रखता। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मामला पहले ही उच्च न्यायालय में था और वहां से निर्णय आ चुका था, तो अब उसे सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार के लिए क्यों भेजा जा रहा है? यह एक साफ़ संकेत है कि सरकार सिर्फ समय बर्बाद कर रही है और कर्मचारियों की जायज़ मांगों को नजरअंदाज कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि उपनल कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और उनका संघर्ष अब न्यायालय के सामने आ चुका है। सरकार को अब उपनल कर्मचारियों की जायज़ मांगों को स्वीकार करना चाहिए और उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करना चाहिए, ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिल सके।
यह मामला राज्य सरकार की कार्यशैली और न्यायालय के आदेशों के पालन में उसकी लापरवाही को उजागर करता है। राज्य सरकार को अब यह समझना होगा कि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना और न्यायालय के आदेशों का सम्मान करना शासन का कर्तव्य है।
Reported by : Arun Saini