हर की पैड़ी हरिद्वार जिले का हृदय क्षेत्र है। यह हरिद्वार का एक पवित्र स्थल है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व दिया गया है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और लाखों श्रद्धालु यहां आकर स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। लेकिन, बढ़ती भीड़ और अव्यवस्थित प्रबंधन के कारण यह पवित्र स्थान गंदगी और प्रदूषण का शिकार हो रहा है।
सौंदर्यीकरण के लिए स्वीकृत हुए थे 34 करोड़ रुपए
हरिद्वार के लिए आने वाली सभी योजनाएं हरकी पैड़ी को केंद्र में रखकर लाई जाती हैं। विभिन्न मदों से आनेवाले अनुदान भी हरकी पैड़ी क्षेत्र के विकास और सौंदर्यीकरण पर लगते रहते हैं। हाल ही में आईओसी द्वारा 34 करोड़ रुपए भी हर की पैड़ी क्षेत्र के लिए स्वीकृत किए गए थे।
सफाई अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए ठोस योजनाओं का अभाव है। बजट तो जारी होता है, लेकिन इसे सही दिशा में उपयोग करने की योजना नहीं बनती। सरकार द्वारा जारी बजट एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह तब तक व्यर्थ है जब तक इसे सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाता।
कांगड़ा घाट पर लंबे समय से टूटी पड़ी है घाट रेलिंग
लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में टूटे घाट, प्लेटफॉर्म यहां आने वालों को मुंह चिढ़ाते रहते हैं। हरकी पैड़ी से लगे कांगड़ा घाट पर लंबे समय से घाट रेलिंग टूटी पड़ी है।जो स्नानार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है। पिछले दिनों गंगा बंदी के दौरान सिंचाई विभाग ने घाटों, रेलिंग की मरम्मत के दावे किए थे लेकिन इस टूटी रेलिंग का हाल नहीं बदला।
हर की पैड़ी को स्वच्छ रखना हम सबकी भी है जिम्मेदारी
हर की पैड़ी जैसे पवित्र स्थल की स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है। यदि सभी मिलकर प्रयास करें, तो यह स्थान अपनी पवित्रता और गरिमा बनाए रख सकता है। हर की पैड़ी न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। इसे स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। स्वच्छता ही हरिद्वार और गंगा की गरिमा को बनाए रखने का माध्यम है।
Reported by: Ramesh Khanna