हरिद्वार में बंगाली यात्री सीजन पर गंँगा जी को उत्तर प्रदेश सरकार ने जल विहीन कर सारा यात्री सीजन चौपट कर दिया है। हर की पैड़ी पर दूधिया बंध से गँगा की अविरल धारा हर की पैड़ी पर आती है। उत्तराखण्ड बनने के बाद उत्तराखण्ड के इस पवित्र गँगाजल पर उत्तर प्रदेश सरकार का स्वामित्व है।
यह इस राज्य की अजीब विडम्बना है की माँ गँगा का उद्गम स्थल गंगोत्री धाम उत्तराखण्ड में है और टिहरी डैम से हरिद्वार तक गँगा जी पर अधिकार व् स्वामित्व उत्तर प्रदेश का हैं।
दूसरी अहम बात यह है कि ब्रिटिश काल में गँगा क्लोजर को लेकर महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय जी ने हरिद्वार में बड़ा आंदोलन किया था तब ब्रिटिश काल से ही यह समझौता हुआ था कि गँगा बंदी के दौरान दूधिया बंद की अविरल धारा से ब्रह्मकुण्ड हरकी पैड़ी पर ढाई से 3 फीट तक गँगाजल का प्रभाव रहेगा ताकि श्रद्धालु ब्रह्मकुण्ड में स्नान कर सकें और उनकी आस्था प्रभावित न हो। बाद में माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली ने भी इस समझौते को लागू करने के आदेश अभिभाजित उत्तर प्रदेश सरकार को दिये की गँगा बंदी के दौरान ब्रह्मकुण्ड पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पर्याप्त जल प्रभाव अविरल धारा से बना रहेगा। कुछ ऐसा ही समझौता हरकी पैड़ी की प्रबन्धकारणी संस्था “श्री गँगा सभा” से भी हुआ।
हैरत की बात है कि अफसर शाही किस कदर हावी है कि उसने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाकर पण्डित मदन मोहन मालवीय जी के आंदोलन के बाद के आदेशों को भि ताक पर रखकर अविरल धारा से भी जल की आपूर्ति रोक दी है। इससे बड़ा अफसरशाही का ताँडव शायद ही देखने को मिले, उससे भी ज्यादा पीड़ा दायक बात यह है कि जिस माँ गँगा के नाम पर यहां के पण्डा, पुरोहित, धर्माचार्या, संत-महंत और कई स्वयंभू महामण्डलेश्वर अपनी जीविका चलाते हैं, वह भी उत्तर प्रदेश सरकार की इस धींगामुश्ती पर चुप हैं।
उत्तराखण्ड के सिंचाई मन्त्री जो कि खुद को बहुत बड़ा धर्माचार्य बताते हैं वह भी ब्यूरोक्रेसी की मनमानी के आगे नतमस्तक हैं। कमाल है ऐसे करोड़पति धर्माचार्य और माननीय मन्त्री जी का।
उत्तर प्रदेश का सिंचाई विभाग भले ही उत्तर प्रदेश में बरसात में आए सिल्ट हटा रहा हो, परन्तु हरिद्वार में तो एक कुदाल भी कहीं गँगा सफाई के नाम पर नहीं लगी और करोडों के बिल उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग पास करेगा।
रही यात्रा सीजन फ्लॉप होने की बात तो हरिद्वार के लोगों से कोई उम्मीद बैमाने है, यहां के जनप्रतिनिधि और खद्दर के कुर्ते पायजामे धारी देश, प्रदेश स्तर के पद का तगमा लगाने वाले मात्र अखबारों में फोटो प्रकाशित करवाने वाले कागजी नेता हैं।
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Reported by- Dr. Ramesh Khanna, Haridwar.