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उत्तराखंड सरकार की देवभूमि उद्यमिता योजना उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों के सपनों को साकार करने की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है। 2023 में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत शुरू की गई इस योजना ने अब तक 26,247 छात्र-छात्राओं को जोड़ लिया है, जिनमें से 965 युवाओं ने अपने स्टार्टअप शुरू कर मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है।
योजना के तहत राज्य के 124 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में देवभूमि उद्यमिता केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों में दो दिवसीय बूट कैंप और 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) के जरिए छात्रों को व्यवसाय प्रबंधन, मार्केटिंग और वित्तीय नियोजन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 14,260 छात्रों ने बूट कैंप और 8,721 ने EDP में हिस्सा लिया है।
योजना के अंतर्गत हर साल 20 छात्रों को 75,000 रुपये की सीड फंडिंग भी दी जा रही है। अब तक 1132 से अधिक छात्रों ने अपने व्यवसायों के लिए उद्यम आधार बनवाया है। 60 खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को FSSAI लाइसेंस मिल चुका है और 25 उत्पाद प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक रहे हैं।
सफलता की कहानी: हर्बल हर्ट
अल्मोड़ा के दीपक सिंह नेगी ने स्थानीय फलों से जूस बनाने का स्टार्टअप ‘हर्बल हर्ट’ शुरू किया, जिसे योजना के तहत सीड फंडिंग, ब्रांडिंग और मेंटरिंग का समर्थन मिला। आज यह एक सफल उद्यम है और तीन अन्य युवाओं को भी रोजगार दे रहा है।
यह योजना युवाओं में नेतृत्व, नवाचार और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त बना रही है, जो उत्तराखंड को उद्यमशीलता के नए मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
देवभूमि उद्यमिता योजना प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है। राज्य सरकार की ‘शिक्षा से उद्यमिता की ओर’ पहल का परिणाम है कि युवा रोजगार नहीं बल्कि रोजगार सृजक बन रहे हैं। इस योजना ने यह साबित कर दिया कि हमारे युवाओं को सही मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर मिले तो वह वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना सकते हैं । – डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।
Reported By: Arun Sharma