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ब्यूरो: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून में आयोजित केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दो दिवसीय चिंतन शिविर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते एक दशक में करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। उन्होंने इस शिविर को बाबा साहब अंबेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन का विस्तार बताया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार भी सामाजिक न्याय की दिशा में कई योजनाएं चला रही है, जैसे वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति, स्व-रोजगार को बढ़ावा, और दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण। उन्होंने केंद्रीय मंत्रालय के सहयोग से राज्य में वृद्धों के इलाज और नशामुक्ति केंद्रों के विकास की भी जानकारी दी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों की बेटियों की शादी के लिए 50 हजार रूपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने के साथ ही जनजातीय शोध संस्थान के लिये 1 करोड़ रुपए के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था की गई है।
राज्य में जहां एक ओर, भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें स्कूल जाने के हेतु प्रेरित किया जा रहा है, वहीं युवा एवं प्रौढ़ वर्ग के लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रय़ास भी किया जा रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और अधिक मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार की SMILE योजना के अंतर्गत प्रदेश के चार शहरों को चयनित किया गया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तुरन्त बाद चिंतन शिविर के आयोजन की खास वजह रही है। हमारा ये मानना है कि योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच शुरू में ही जानकारी साझा होने से बेहतर परिणाम निकल पाएंगे।