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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश के तत्वावधान में तीन दिवसीय सिमुलेशन पर आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन एआरसीसिम 2025 का विधिवत शुभारंभ हो गया है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा सिमुलेशन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों व विधियों की जानकारी साझा करना तथा स्वास्थ्य शिक्षा और रोगी सुरक्षा में इसके योगदान को रेखांकित करना है।
सम्मेलन की थीम “चिकित्सा सिमुलेशन में तकनीक और विधियों का अनुकूलन” रखी गई है। इसमें देश-विदेश से चिकित्सा विशेषज्ञ, शिक्षक व स्वास्थ्य पेशेवर भाग ले रहे हैं।
कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बताया कि सिमुलेशन तकनीक स्वास्थ्यकर्मियों को जोखिम रहित माहौल में प्रशिक्षण देने का सशक्त माध्यम है, जिससे रोगी सुरक्षा बेहतर होती है।
सम्मेलन के पहले दिन कई अहम वर्कशॉप आयोजित हुईं, जिनमें शामिल हैं:
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सिमस्कैन पॉइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड – अल्ट्रासाउंड तकनीक के व्यावहारिक कौशल पर केंद्रित।
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पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर वर्कशॉप – बच्चों में आपातकालीन स्थितियों का सुरक्षित अभ्यास।
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क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट सर्जिकल सिमुलेशन – जटिल सर्जरी तकनीकों का प्रशिक्षण।
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क्राइसिस रिसोर्स मैनेजमेंट – उच्च दबाव वाली स्थितियों में टीमवर्क और निर्णय क्षमता का विकास।
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स्क्रिप्ट टू सिम्पटम्स – स्टैण्डर्डाइज्ड पेशेंट मॉडल के माध्यम से यथार्थवादी प्रशिक्षण।
इस सम्मेलन का आयोजन एम्स ऋषिकेश के एडवांस्ड सेंटर ऑफ कंटीन्यूअस प्रोफेशनल डेवलपमेंट द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य चिकित्सा व नर्सिंग छात्रों को सशक्त बनाना और उन्हें रोगी देखभाल में उत्कृष्टता के लिए तैयार करना है।
Reported By: Arun Sharma