ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में तीन दिवसीय सिमुलेशन पर आधारित चिकित्सा सम्मेलन ‘ARCSIM 2025’ सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन में देश-विदेश से आए 310 प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने चिकित्सा सिमुलेशन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और रोगी सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की।
सम्मेलन के दौरान म्यूलेज, रोबोटिक-लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, प्रसूति-अल्ट्रासाउंड, मैकेनिकल वेंटिलेशन, आपदा प्रबंधन एवं गेमिफिकेशन जैसे विषयों पर व्यावहारिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं। प्रतिभागियों को यथार्थपरक प्रशिक्षण देने के लिए हाई-फिडेलिटी सिमुलेटर्स का प्रयोग किया गया।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को म्यूलेज की कला से परिचय कराया गया। बताया गया कि इसके तहत यथार्थपरक घावों, जलन एवं ट्रॉमा इफेक्ट्स का निर्माण किया जाता है,ताकि सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण को अधिक वास्तविक एवं प्रभावशाली बनाया जा सके।
साथ ही एक नई शुरुआत की स्कैनिंग: प्रसूति-अल्ट्रासाउंड सिमुलेशन कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रसूति अल्ट्रासाउंड में व्यवहारिक प्रशिक्षण का अवसर दिया गया, जिसमें मुख्यरूप से प्रथम और द्वितीय तिमाही पर ध्यान केंद्रित किया।
आपदा स्थितियों में प्रतिक्रिया रणनीतियां, दृष्टिकोण और क्रियाएं: वास्तविक परिदृश्य पर आधारित सिमुलेशन सजीव अनुभवात्मक कार्यशाला में वास्तविक जीवन की आपदा स्थितियों जैसे जनहानि की घटनाएं, रासायनिक रिसाव तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों का सिमुलेशन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों को उच्च तीव्रता वाले अभ्यासों में भाग लिया व त्रैज (Triage) की प्रक्रिया के साथ ही अराजक परिस्थितियों में संगठित प्रतिक्रिया रणनीतियों को अपनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा को अधिक प्रभावशाली और व्यवहारिक बनाने की दिशा में सिमुलेशन की भूमिका को रेखांकित किया गया। एम्स प्रशासन ने इसे मेडिकल ट्रेनिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
Reported By: Arun Sharma