Home » डिजिटल, आपदा-प्रूफ और सांस्कृतिक उत्तराखंड की ओर बढ़ा कदम

डिजिटल, आपदा-प्रूफ और सांस्कृतिक उत्तराखंड की ओर बढ़ा कदम

Uttarakhand

Total Views-251419- views today- 25 3 , 1

उत्तराखंड की राजनीति इन दिनों एक नए मोड़ पर है — एक मोड़ जहां सियासत के साथ-साथ भविष्य की ठोस बुनियाद रखी जा रही है। बात केवल पुल, सड़क या इमारतों की नहीं है, बल्कि अब फोकस है डिजिटली सुरक्षित, पर्यावरण-संवेदनशील और आपदा-प्रूफ उत्तराखंड की ओर। इसी दिशा में एक बड़ा कदम तब देखने को मिला जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने राज्य के सामने खड़ी चुनौतियों और भावी संभावनाओं को लेकर कई अहम प्रस्ताव रखे। सबसे पहले बात करें साइबर सुरक्षा की—आज जब ऑनलाइन ठगी, डेटा लीक और साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं, तब उत्तराखंड सरकार ने डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक साहसिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में साइबर सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र (Cyber Security Centre of Excellence) की स्थापना का प्रस्ताव दिया है और इसके लिए केंद्र सरकार से 63.60 करोड़ रुपये की मांग की है।

यह सेंटर उत्तराखंड को सिर्फ डिजिटल अपराधों से सुरक्षित नहीं बनाएगा, बल्कि राज्य को साइबर फॉरेंसिक, डेटा प्रोटेक्शन, साइबर इन्वेस्टिगेशन और एक्सपर्ट ट्रेनिंग जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में अग्रणी बनाएगा। इसके ज़रिए युवाओं को नई तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा और एक नई डिजिटल पेशेवर पीढ़ी तैयार होगी।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री धामी ने पर्वतीय राज्यों में बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के चलते विद्युत ढांचे को हो रहे नुकसान पर भी केंद्र का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने मांग की कि ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी संपत्तियों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के मुआवजा दायरे में शामिल किया जाए, जिससे आपदा के बाद बुनियादी ढांचे की बहाली में तेजी लाई जा सके।मुख्यमंत्री ने नंदा राजजात यात्रा को लेकर भी कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे।

उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक यात्रा से जुड़े लोकगीत, लोककथाएं और रीति-रिवाजों का अभिलेखीकरण कराया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों तक हमारी सांस्कृतिक विरासत जीवित रह सके। यात्रा मार्ग पर ट्रैकिंग सिस्टम लगाने, पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने, और जालुओं के टेंटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी मांग रखी गई।इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग से आग्रह किया कि नंदा राजजात यात्रा का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि उत्तराखंड की संस्कृति और आस्था को वैश्विक पहचान मिल सके- कुल मिलाकर, ये मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी — बल्कि ये एक ऐसे उत्तराखंड की दिशा में कदम था, जो डिजिटली सशक्त, आपदाओं के प्रति संवेदनशील और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हो। मुख्यमंत्री के ये प्रस्ताव न केवल आज के लिए, बल्कि आने वाले कई दशकों के उत्तराखंड के भविष्य को आकार देने की कोशिश हैं।

 

 

 

राजेन्द्र बिष्ट, पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ यूकेडी

 

 

 

अंकुश मिश्रा, डिप्टी एस पी साइबर क्राइम उत्तराखंड

 

Reported By: Shiv Narayan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!