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चार धाम की पूजा शीत काल में भी चालू रहती है।

Char Dham

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देहरादून,

देहरादून के वसंत विहार में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम के कपाट भले ही सर्दियों में बंद हो जाते हैं, लेकिन दूसरे स्थानों पर शीतकालीन पूजा जारी रहती है। ऐसे में भी श्रद्धालु शीतकाल में भी माता यमनोत्री ,माता गंगोत्री और केदारनाथ और भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने कहा कि कुछ भ्रांतियों के कारण की कपाट बंद हो गया ऐसा प्रचार होने के कारण आम जनमानस सोचता है कि अब दर्शन नहीं होंगे जब कि ऐसा नहीं है।
बल्कि 16 दिसंबर से शीत कालीन यात्रा शुरू होगी ।
ये यात्रा उसी रूप में होगी पहले यमनोत्री,फिर गंगोत्री फिर केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ जी की पूजा होगी।
जिस जगह उत्सव डोली ग्रीष्म कालीन स्थल से आ कर शीत कालीन स्थान पर आती है वहां तो पूजा होता रहता है।
अतः लोगों में फैली भ्रांतियां को दूर करना चाहिए,
इसके लिए सरकार को शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम पिछले साल से यात्रा अपने स्तर पर शुरू कर चुके हैं। इस बार भी 16 दिसंबर से शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में धार्मिक आस्था के 108 स्थान चिह्नित कर उनकी यात्रा भी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो लोग चारधाम यात्रा में सीमित लोगों को आने देने की बात कहते हैं, वे गलत हैं। जितने ज्यादा से ज्यादा लोग यात्रा पर आएंगे, उतना सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार होगा। राज्य के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।

देखे वीडियो-

 

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, शंकराचार्य, ज्योतिष पीठ

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Reported by Rajesh Kumar

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