विकासनगर,
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य निर्माण के 24-25 वर्षों बाद भी आंदोलनकारियों को उनके सपनों के अनुरूप न्याय नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी नौकरियों को माफिया और सेटिंगबाजों ने लूट लिया है, जिससे राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों के लिए रोजगार के अवसर सीमित हो गए हैं।
औद्योगिक इकाइयों में प्राथमिकता की मांग
नेगी ने सुझाव दिया कि औद्योगिक इकाइयों (फैक्ट्रियों) में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को योग्यता के आधार पर नौकरियों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उनका सम्मान बढ़ेगा, बल्कि उनके परिवार का भरण-पोषण भी सुनिश्चित होगा।
70% आरक्षण की व्यवस्था केवल कागजों तक सीमित
नेगी ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने औद्योगिक इकाइयों में 70% स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था, लेकिन यह केवल कागजों तक सीमित है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस मामले पर गंभीरता से विचार कर आंदोलनकारियों के साथ न्याय किया जाए।
राज्य निर्माण के उद्देश्य पर सवाल
उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों का विकास अभी भी अधूरा है और जो मकसद राज्य आंदोलन के पीछे था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने इसे आंदोलनकारियों के साथ अन्याय करार दिया।
पत्रकार वार्ता में उपस्थित:
मोर्चा महासचिव आकाश पंवार और विजय राम शर्मा।
मांगें:
- औद्योगिक इकाइयों में योग्यता के आधार पर आंदोलनकारियों को प्राथमिकता।
- स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान को सख्ती से लागू करना।
- राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए रोजगार के ठोस उपाय।
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-Crime Patrol