हरिद्वार में इन दिनों अफसरशाही के निरंकुश और बेलगाम रवैये ने इस धर्मनगरी की स्थिति नर्क से भी बदतर कर दी हैं ।
सिडकुल की सुखी रो नदी को डम्पिग यार्ड बना दिया गया हैं, एन०जी०टी० के नियम और निर्देशों को दरकिनार कर कूड़े के विशाल ढेरों को सुखी नदी में डालकर आग लगा दी जाती हैं, इससे उठने वाले जहरीले धुएं से यहां के निवासियों की साँसे उखड़ रही हैं। हैरत की बात तो यह है कि यह सब उस सिडकुल में हो रहा है, जहाँ से रोशनाबाद में जिलाधिकारी से लेकर तमाम आलाउच्च अधिकारियों के आवास व कार्यालय हैं ।
शिवालिक नगर पालिका ग्राम पंचायत रावली महदूद और सलेमपुर से प्रतिदिन टनो कूड़ा इस सुखी रो नदी में डालकर जलाया जा रहा हैं, जिसमें ज्यादातर प्लास्टिक व् पॉलिथीन होती हैं। जिसमें लगाई गई आग कई दिनों सुलगती रहती है, और जहरीला धुआं उठता रहता हैं। इससे त्वचा रोग, खाँसी, दमा जैसे संक्रामक रोग फैल रहे हैं, पशु पक्षी भी इस भयंकर प्रदूषण वाले धुएँ से परेशान हैं ।
अब बात करें हरिद्वार के जिला हरमिलाप राजकीय चिकित्सालय की तो सरकार की तरफ से इन सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाओं के दावे तो किया जा रहे हैं, परन्तु स्थित उसके ठीक विपरीत हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं। मरीज ठंड से ठिठुर रहे हैं। मरीजों को ठंड से बचाने के लिए कम्बलों की भी ठोस व्यवस्था नहीं हैं। कुछ तीमारदारों ने बताया कि वह कम्बल घर से लाए हैं, वही कुछ तिमारदार मरीजों को शाल इत्यादि उड़ाकर ठंड से बचाने के असफल प्रयास करते देखे गए !
खिड़कियाँ खराब है जो पूरी तरह बंद नहीं हो पा रही है और सर्द हवा अन्दर वार्डों में आ रही हैं। मरीजों के लिए खरीदे गये हिटरों का भी पता नहीं है कि वह कहां है? ना ही इन प्रश्नों का उत्तर देने वाला कोई है, जो है भी वह चुप्पी सादे हुए हैं।
चिकित्सा सुविधा का और सफाई व्यवस्था की स्थिति बहुत ही दयनीय हैं! स्थिति निकायों के चुनावों के लिए दिन भर भाग दौड़ में लगे कथित जन सेवकों (नेताजी) के द्वारा अब जनसभाओं में लंबे भाषण होंगे परन्तु धरातल पर हरिद्वार की इस दुर्दशा पर सब कुम्भकर्णी नींद में सोए हैं, गरीब मलिन बस्तियों के लोग बेबस हैं।
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Reported by- Ramesh Khanna Haridwar