श्री बदरीनाथ धाम: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के चौथे दिन आज शनिवार को माता लक्ष्मी मंदिर में कढ़ाई भोग का आयोजन किया गया। इस पूजा में विशेष रूप से रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया, और लक्ष्मी मंदिर के पुजारी सुधीर डिमरी, अरविंद डिमरी ने हिस्सा लिया और पूजा अर्चना पूरी की। इस अवसर पर माता लक्ष्मी से श्री बदरीनाथ मंदिर आने की प्रार्थना की गई।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 17 नवंबर, रविवार रात 9:07 बजे बंद हो जाएंगे। इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया जा रहा है और तीर्थयात्रियों का उत्साह भी चरम पर है। अब तक 7,000 से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आ चुके हैं।
पंच पूजा के चौथे दिन के इस विशेष आयोजन में बीकेटीसी (बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति) के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, और अन्य मंदिर समिति के अधिकारी, डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि सहित स्थानीय प्रशासन के कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। इस दिन की पूजा के दौरान पंच पूजा का आयोजन बड़े श्रद्धा भाव से किया गया, जिसमें वेद उपनिषद् की पूजा के बाद ग्रंथों को शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया।
इससे पहले पंच पूजा के तीसरे दिन शुक्रवार को वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल के लिए रोक दिया गया था। वहीं, बुधवार 13 नवंबर को श्री गणेश मंदिर और 14 नवंबर को श्री आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए गए थे।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार, बीकेटीसी कार्यालय को शीतकाल के लिए जोशीमठ स्थित श्री नृसिंह मंदिर के कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां सभी कर्मचारी और पूजा प्रभारी अपनी टीम के साथ कार्यरत हैं।
आज की पंच पूजा में बीकेटीसी के सदस्य कृपाराम सेमवाल, भास्कर डिमरी, रणजीत सिंह राणा, और अन्य प्रमुख अधिकारी एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। प्रशासनिक अधिकारियों में नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, नगर पंचायत के ईओ सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस भव्य आयोजन के साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया पूरी होने जा रही है, जो शीतकाल के विश्राम की शुरुआत करेगी।
–Crime Patrol