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अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना गैरसैंण में होगी: ऋतु खण्डूडी भूषण।

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उत्तराखंड,

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि उत्तराखंड विधानसभा परिसर, भराडीसैंण, गैरसैंण में एक अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी। इस संस्थान की स्थापना का निर्णय भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 2015 में दिए गए सुझाव पर आधारित है, जिसमें उन्होंने संसदीय अध्ययन और प्रशिक्षण के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय केंद्र स्थापित करने की बात कही थी।

संस्थान की स्थापना की प्रक्रिया और उद्देश्य

ऋतु खण्डूडी भूषण ने 2022 में विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद इस परियोजना को प्राथमिकता दी। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्थापित कर इस महत्वपूर्ण संस्थान की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। उनका उद्देश्य इस वित्तीय वर्ष से संस्थान को चालू करना है। यह संस्थान संसदीय प्रक्रियाओं, लोकतांत्रिक नीति निर्माण और संसदीय कार्य प्रणाली पर गहन अध्ययन, शोध और प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम और वैश्विक साझेदारी

संस्थान का उद्देश्य न केवल भारत बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संसदीय प्रक्रियाओं को मजबूत करने में योगदान देना होगा। यह विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करेगा, जिसमें सदस्य, सरकारी अधिकारी, सिविल सेवक, मीडिया, विद्यार्थी, और आम नागरिक शामिल होंगे। भविष्य में, संस्थान अन्य देशों के संसदीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर पाठ्यक्रमों का आदान-प्रदान और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेगा।

स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव

संस्थान की स्थापना से गैरसैंण क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। ऋतु खण्डूडी ने बताया कि संस्थान स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप विकास के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। साथ ही, यह उत्तराखंड को एक शैक्षणिक और लोकतांत्रिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, जिससे संसदीय प्रक्रियाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

परियोजना का महत्व

अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने विश्वास व्यक्त किया कि यह परियोजना अत्यंत महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय होगी, जो न केवल उत्तराखंड बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी संसदीय कार्यक्षमता में सुधार लाएगी। यह संस्थान सशक्त लोकतंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और लोकतांत्रिक संस्थानों की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक बनेगा।

 

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-Crime Patrol

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