देहरादून। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव की तारीखें घोषित होते ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी दी कि केदारनाथ विधानसभा में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी। इस उपचुनाव में कुल 90,540 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 44,765 पुरुष और 45,565 महिला मतदाता शामिल हैं। चुनाव के लिए 173 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने उपचुनाव के लिए 29 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है, जो 4 नवंबर तक चलेगी। यह उपचुनाव भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद हो रहा है, और इसे भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक परीक्षा माना जा रहा है।
कांग्रेस और भाजपा में बढ़ी सरगर्मी
बदरीनाथ और मंगलौर में जीत के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास चरम पर है, जबकि भाजपा इस सीट को अपने कब्जे में बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक मनोज रावत, कुंवर सजवाण और हरक सिंह रावत समेत कई दावेदार मैदान में हैं। वहीं, भाजपा में शैलारानी रावत की पुत्री, आशा नौटियाल, अजेंद्र अजय, और कुलदीप रावत समेत कई नाम टिकट के लिए दौड़ में हैं।
दोनों दलों के रणनीतिकार इन दिनों क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे हैं, और जो उम्मीदवार जनता की नजरों में आगे रहेगा, उसे पार्टी का टिकट मिलने की संभावना है।
भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर
यह उपचुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा सरकार के लिए एक अहम चुनौती माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी की हालिया घोषणाओं और योजनाओं का मतदाताओं पर कितना असर पड़ा है, इसका परिणाम जल्द ही सामने आएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दावा किया है कि पार्टी इस उपचुनाव को भारी अंतर से जीतेगी और उन्हें सहानुभूति लहर का भी भरोसा है।
कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है, और आगामी दिनों में दोनों पार्टियां जोर-शोर से प्रचार अभियान चलाने की तैयारी कर रही हैं।
-Crime Patrol