नैनीताल की ऐतिहासिक रामलीला, जो अपनी समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है, इस बार एक अनोखी औरकी ऐतिहासिक रामलीला, जो अपनी समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है, इस बार एक अनोखी और प्रेरणादायक मोड़ ले रही है। मल्लीताल स्थित श्री राम सेवक सभा में इस बार की रामलीला में, पहली बार सभी प्रमुख किरदार – राम, लक्ष्मण, भरत सहित अन्य महत्वपूर्ण पात्र – युवतियों द्वारा निभाए जाएंगे। यह कदम परंपरा और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
रामलीला के मंचन से दो महीने पूर्व, कलाकारों को अभिनय और संवाद की विधिवत शिक्षा दी जाती है। इस बार युवतियों ने बड़ी संख्या में प्रशिक्षण लिया है, जो पारंपरिक रामलीला के प्रमुख किरदारों को मंच पर जीवंत करने के लिए तैयार हैं।
यह परिवर्तन तब और भी खास बन जाता है जब आज के दौर में इंटरनेट, टीवी धारावाहिकों और वेब सीरीज़ के बीच पारंपरिक मंचों की जगह धीरे-धीरे कम हो रही है। बावजूद इसके, नैनीताल की रामलीला अब भी एक अभिन्न सांस्कृतिक आयोजन बनी हुई है, जिसका इंतजार कुमाऊं के लोगों को पूरे साल रहता है।
करीब 100 साल पहले मल्लीताल में शुरू हुई कुमाउनी रामलीला, अपने शास्त्रीय संगीत, रागों और धुनों पर आधारित संवाद अदायगी के लिए प्रसिद्ध है। समय के साथ मंचन में कई बदलाव आए, लेकिन इसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई। यह रामलीला आज भी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखे हुए है, और इस बार, युवतियों की भागीदारी इसे एक नए ऊंचाई पर ले जा रही है।