राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट गांवों की जीवंतता को कायम रखने के लिए इन गांवों में पर्यटन विकास, बागवानी के विस्तार तथा आजीविका संवर्द्धन ने नए और बेहतर अवसर सृजित करने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि इन गांवों की तकदीर और तस्वीर बदलने की सरकार की कोशिशों में सभी विभागों और संगठनों का साझा प्रयास बेहद जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि सीमांत गांव जादुंग को देश के पहले गांव के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सरकार के प्रयास फलीभूत होने जा रहे हैं।
मंगलवार को हर्षिल क्षेत्र भ्रमण पर पहुंचे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने तिब्बत सीमा से सटे नेलांग और जादुंग गांव पहुंच कर सेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की तथा देश सेवा में तत्पर जवानों का हौसला बढ़ाया।
हर्षिल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सेना के जवानों को संबोधित कर कहा कि सरहदों पर दिन रात रखवाली करने वाले हमारे जंबाजों का देश व प्रदेश ऋणी है।
दरअसल, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हैं। मंगलवार सुबह राज्यपाल ने धराली गांव में हार्टी-टूरिज्म के मॉडल के तौर पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सेब के बागों के बीच विकसित किए जा रहे होम स्टे एवं रिर्जाट्स का अवलोकन कर इन प्रयासों की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के मॉडल को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा।
सीमांत जादुंग गांव में होमस्टे का निर्माण जारी, 365 लाख की परियोजना एक साल में होगी पूरी: डीएम
राज्यपाल के भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि पर्यटन विभाग के द्वारा जीएमवीएन के माध्यम से जादुंग गांव में प्रथम चरण में 6 होम स्टे का निर्माण कार्य गत सप्ताह शुरू किया गया है। रू. 365.33 लाख की लागत की यह परियोजना एक साल में पूरी हो जाएगी।
अगले चरण में 17 होम स्टे बनाए जाने प्रस्तावित है। इस योजना के तहत क्षेत्र के पारंपरिक वास्तुशिल्प के अनुरूप निर्मित होम स्टे जादुंग गांव के मूल निवासियों को सौंपे जाएंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में पर्यटन से संबंधित गतिविधियों को बढावा देने के लिए इनर लाईन को शिफ्ट किए जाने सहित जनकताल तक ट्रैकिंग की गतिविधियां संचालित करने का भी प्रस्ताव है।