Home » CAA : सीएए कानून के खिलाफ मुस्लिम लीग ने दायर की याचिका

CAA : सीएए कानून के खिलाफ मुस्लिम लीग ने दायर की याचिका

Loading

CAA : देश में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लागू हो चूका है। एक तरफ बीजेपी इसे ऐतिहासिक फैसला बता रही है। वहीं विपक्षी पार्टी इसका विरोध कर रही है और देश के अलग अलग हिस्सों में इसका विरोध किया जा रहा है। इसी बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीएए कानून के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि नागरिकता कानून के तहत कुछ धर्मों के लोगों को ही नागरिकता दी जाएगी, जो संविधान के खिलाफ है।

Haryana : भाजपा विधायक दल की मीटिंग खत्म, बाहर आए अनिल विज

सीएए कानून लागू करने पर रोक की मांग की

केंद्र सरकार ने सोमवार को ही सीएए कानून लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। गौरतलब है कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सीएए को चुनौती देते हुए रिट याचिका भी दायर की थी। आईयूएमएल ने सीएए के खिलाफ दायर अपनी रिट याचिका में अंतरिम आवेदन दिया, जिसमें आईयूएमएल ने तर्क दिया कि किसी कानून की संवैधानिकता तब तक लागू नहीं होगी, जब तक कानून स्पष्ट तौर पर मनमाना हो।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा है कि वह शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन उनका विरोध इसमें मुस्लिम धर्म के लोगों को बाहर रखने को लेकर है।

सीएए कानून का क्यों हो रहा है विरोध?

सीएए कानून (CAA) के तहत भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक तौर पर प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आने वाले गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।

इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई वर्ग के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का प्रावधान है। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कानून उनके साथ भेदभाव करता है, जो देश के संविधान का उल्लंघन है।

Ghazipur Accident : गाजीपुर बस हादसे में छह की मौत, CM योगी ने क‍िया आर्थिक सहायता का एलान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *