देहरादून, ग्राम प्रधान संगठन की प्रदेश प्रवक्ता पुष्पा रावत ने शनिवार को देहरादून में महिला पंचायत प्रतिनिधियों के साथ पुलिस द्वारा किए गए अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के कपड़े फाड़ दिए, और दूसरी ओर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोग मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट कर रहे हैं। यह घटना महिला पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अत्यधिक अपमानजनक है और इसे लेकर पूरे उत्तराखंड में महिलाओं में भारी आक्रोश है।
पुष्पा रावत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस घटना की कड़ी निंदा की और मांग की कि दोषी पुलिस जवानों और अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड किया जाए। उन्होंने कहा कि शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान पुलिस ने न सिर्फ महिला पंचायत प्रतिनिधियों के कपड़े फाड़े, बल्कि खुलेआम उनका अपमान भी किया। कई महिलाओं को हिरासत में लेकर रानी पोखरी थाने में बंद कर दिया गया।
रावत ने आरोप लगाया कि जब यह सब हो रहा था, तब आंदोलन का वर्तमान नेतृत्व चुपचाप देखता रहा और कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने यह भी कहा कि महिला पुलिसकर्मियों को पीछे कर पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसे संगठन पूरी तरह से निंदा करता है।
इसके साथ ही, रावत ने ईमेल के जरिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस जवानों और अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि आंदोलन के नेतृत्व ने पुलिस के सामने घुटने टेक दिए हैं, और रविवार को मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट कर आंदोलन के असली मकसद को कमजोर कर दिया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की तो राज्यभर में उनका विरोध किया जाएगा और काले झंडे दिखाए जाएंगे। यह घटना महिला पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अत्यधिक अपमानजनक रही है और इससे उनके घावों पर नमक छिड़कने का काम हुआ है।
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