विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने उपनलकर्मियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सम्मान करते हुए सरकार से तुरंत नियमितीकरण और अन्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है। नेगी ने कहा कि उपनलकर्मियों के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा एसएलपी खारिज हो चुकी है, इसलिए अब सरकार को बिना किसी देरी के इन कर्मचारियों का हक देना चाहिए।
उपनलकर्मियों के नियमितीकरण को लेकर पहले उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 12 नवंबर 2018 को आदेश जारी किया था, जिसमें सरकार को इन कर्मचारियों को नियमित करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की, जिसके तहत 1 फरवरी 2019 को उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाई गई थी। अब, सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकार की याचिका खारिज होने के बाद सरकार को अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए।
नेगी ने कहा कि उपनलकर्मियों ने 10-15 वर्षों से अपनी सेवाएं प्रदान की हैं और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे, लेकिन सरकार अब तक उनके अधिकारों पर ध्यान नहीं दे रही थी। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इन कर्मियों के भविष्य की चिंता करे और उन्हें जल्द से जल्द न्याय प्रदान करे।
नेगी ने आगे यह भी कहा कि जब विधायकों के वेतन, भत्ते और पेंशन बढ़ाने की बात आती है तो सभी एकजुट हो जाते हैं, लेकिन उपनलकर्मियों के हक की बात पर कोई आवाज नहीं उठाता। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सम्मान कर उपनलकर्मियों को उनका हक दिया जाए।
Reported by- Arun Sharma