हरिद्वार में जमीन घोटाले को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है। सरकार जहां इस कार्यवाही को जीरो टॉलरेंस के तहत अपना बड़ा निर्णय करार दे रही है तो वहीं कांग्रेस इसे महज एक दिखावा बता रही है। कांग्रेस इसमें कई सफेदपोशों के शामिल होने की बात कह रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार के हरिद्वार जमीन घोटाले में लिए गए निर्णय को मात्र दिखावा करार दिया है। उनका आरोप है कि अकेले हरिद्वार में ही सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीनों पर सफेदपोशों के संरक्षण में अभी भी कब्जा है और सरकार उन जमीनों को चिन्हित कर सीबीआई जांच करें तो सब सामने आ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारें चाहे किसी की भी रही हो सबके समय के तमाम जमीन घोटालों की निष्पक्ष जांच हो और यह जीरो टॉलरेंस की सरकार का नैतिक दायित्व भी बनता है। हरिद्वार जमीन घोटाला तो मात्र एक बानगी भर है प्रदेश में कई एकड़ सरकारी जमीन राजनीतिक संरक्षण में खुर्द बुर्द हुई है जिनकी उच्च स्तरीय जांच होनी जरूरी है।
हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री
वहीं दूसरी और भाजपा ने इसे वर्तमान सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति करार दी है। 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री ज्योति प्रसाद गैरोला का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा ने हमेशा अपना रुख स्पष्ट रखा है। चाहे वह किसी भी बड़े पद पर बैठा व्यक्ति हो, उसे उसके किए की सजा दिलाई है। कांग्रेस के समय में नकल माफिया खूब फले फुले उन पर भी कड़ा प्रहार भाजपा ने ही किया है। अब जब गंभीरता से जमीनों की जांच की जा रही है तो ऐसे मामले भी सामने आने लगे। इससे पहले कभी इस तरह के मामले कांग्रेस सरकार में देखने को नहीं मिले और हरीश रावत इतने लम्बे समय बाद जाग रहे हैं जब उनकी सरकार रही तब भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने कितना कठोर निर्णय लिया यह भी सब ने देखा है।
ज्योति प्रसाद गैरोला, दर्जा राज्य मंत्री
Reported By: Arun Sharma