Home » Gangotri-Yamunotri Yatra : 6000 तीर्थयात्री नहीं कर पाए गंगोत्री-यमुनोत्री के दर्शन; शारीरिक पीड़ा भी हुई

Gangotri-Yamunotri Yatra : 6000 तीर्थयात्री नहीं कर पाए गंगोत्री-यमुनोत्री के दर्शन; शारीरिक पीड़ा भी हुई

Gangotri-Yamunotri Yartra

Loading

उत्तरकाशी। Gangotri-Yamunotri Yatra : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान लग रहे जाम से यात्रियों को निजात नहीं मिल पा रही है। पांच से छह दिनों तक जाम में फंसने के बाद छह हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा स्थगित कर दी है। वे पालीगाड़, जानकीचट्टी, गंगनानी, डबराणी, हर्षिल से लौट गए हैं।

UKPSC Prelims 2024 : उत्तराखण्ड पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में बदलाव

इनमें ज्यादातर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और दिल्ली के तीर्थयात्री शामिल हैं। जगह-जगह जाम लगने से चारधाम यात्री फंसे हुए हैं। पुलिस और प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। जो 10 दिन की यात्रा पर आए थे उनके पांच से छह दिन रास्ते में ही बीत गए हैं। उनकी प्लानिंग धरी रह गई। उनके समय की बर्बादी तो हुई ही आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्ट अलग से हुआ है।

‘गंगोत्री की यात्रा स्थगित कर जा रहे केदारनाथ’

अब गंगोत्री (Gangotri-Yamunotri Yartra) की यात्रा स्थगित कर केदारनाथ के लिए जा रहे हैं। नासिक की ही सविता वाग ने बताया कि उनके वाहन को सोमवार की रात गंगोत्री रोड पर सोनगाड़ के पास खड़ा किया गया। पूरा क्षेत्र सूनसान था। गाड़ी से उतरने में भी डर लग रहा था। भोजन-पानी की व्यवस्था तो दूर की बात थी। मंगलवार की सुबह सोनगाड़ से वापस उत्तरकाशी आना पड़ा है। किसी ने गाड़ी में बिताईं रातें, किसी को धरना तक देना पड़ा

नवसारी गुजरात के प्रीतेश पटेल ने कहा कि परिवार के साथ चारधाम के दर्शन के लिए आए थे। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के मार्ग पर पांच दिनों तक जाम में फंसे रहे। दोनों धामों की यात्रा स्थगित करनी पड़ी। अब केदारनाथ के यात्रा पर जा रहे हैं।

महाराष्ट्र के नसिक सप्तशृंगी निवासी दीपक पवार ने कहा कि गंगोत्री में करीब 24 घंटे जाम में फंसने के बाद दर्शन की उम्मीद नहीं रही तो हर्षिल से उत्तरकाशी लौट आए। कल सुबह छह बजे से लेकर रात आठ बजे तक धरना प्रदर्शन करते रहे।

Sushil Modi Death : सुशील मोदी का निधन, पटना पहुंचा पार्थिव शरीर

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *