विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक प्रेस वार्ता में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आय से अधिक संपत्ति मामले में मंत्री गणेश जोशी को बचाने के लिए सरकार ने सुनियोजित तरीके से मामले को रफा-दफा कर दिया।
मुख्य आरोप:
- मंत्रिपरिषद का चालाकी भरा रवैया: स्पेशल विजिलेंस जज के निर्देश पर मंत्रिपरिषद को 8 अक्टूबर 2024 तक निर्णय लेना था, लेकिन शपथ-पत्र का बहाना बनाकर मामला निपटा दिया गया।
- अघोषित संपत्तियों का खेल: नेगी के अनुसार, मंत्री गणेश जोशी के पास सैकड़ों करोड़ की बेनामी संपत्तियां हैं, जबकि 20-22 साल पहले उनके पास कुछ भी नहीं था।
- जांच को प्रभावित करने का प्रयास: न्यायालय से दस्तावेज प्राप्त करने के बजाय शपथ-पत्र की मांग कर मामले को समाप्त कर दिया गया।
नेगी का बयान:
नेगी ने कहा कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के बजाय मंत्री को बचाने में जुटी है। यह जनता के साथ एक बड़ा विश्वासघात है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता की जिला बदर की कार्रवाई के बाद ही इस मामले को मैनेज करने की पटकथा लिखी जा चुकी थी।
जनता की मांग:
मोर्चा ने सरकार से आग्रह किया कि भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्री को अभयदान देने के बजाय उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी जाए, ताकि ऐसे मंत्री जेल में हों। मोर्चा ने यह भी चेतावनी दी कि जनता इस “खेल” को कभी माफ नहीं करेगी।
पत्रकार वार्ता में: महासचिव आकाश पंवार और दिलबाग सिंह भी उपस्थित रहे।
–Crime Patrol