हरिद्वार में हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव प्रशासन और सरकारी विभागों के लिए लाभकारी साबित हो रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रत्याशियों की कमियों को उनके विरोधी सामने ला रहे हैं, जिस पर निर्वाचन आयोग कार्रवाई कर रहा है। इसके साथ ही, चुनाव के चलते विभागों का बकाया भी तेजी से वसूला जा रहा है।
महिला प्रत्याशी पर कार्रवाई
ज्वालापुर की एक महिला पार्षद प्रत्याशी ने अपने तीन बच्चों की जानकारी छिपाई, लेकिन विरोधियों ने इस मामले को निर्वाचन आयोग तक पहुंचा दिया। जांच में तीन बच्चे होने की पुष्टि के बाद उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई।
झूठे शपथपत्र पर शिकंजा
कुछ प्रत्याशियों ने सरकारी जमीन पर कब्जे की जानकारी छिपाकर झूठे शपथपत्र दाखिल किए हैं। वार्ड 52 अहबाबनगर के एक प्रत्याशी के खिलाफ सुनील कुमार और रविंद्र कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि प्रत्याशी ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया और झूठा एफिडेविट दिया। निर्वाचन विभाग अब इस मामले की जांच कर रहा है।
विद्युत विभाग की बल्ले-बल्ले
लक्सर में बिजली विभाग का लाखों रुपए बकाया था, लेकिन चुनाव लड़ने वाले 133 प्रत्याशियों ने मजबूरी में करीब 48 लाख रुपए का बकाया बिल जमा कर दिया। विभाग के अधिकारियों ने इसे सकारात्मक परिणाम बताया और खुशी जताई कि बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के चुनाव के बहाने लाखों की वसूली हो गई।
चुनाव में पारदर्शिता पर जोर
निर्वाचन विभाग की सख्ती और विरोधियों की चौकसी से झूठे दस्तावेज जमा करने वाले प्रत्याशियों में खलबली मची हुई है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि झूठी जानकारी देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Reported By : Ramesh Khanna