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ज्योतिषपीठ शंकराचार्य1008 स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज शुभ मुहूर्त पर श्री बदरीविशाल के दर्शन को पहुंचे। मंदिर में वेदपाठ पूजा-अर्चना संपन्न की लोककल्याण की कामना की इससे पहले नर पर्वत पर स्थित बीकेटीसी अध्यक्ष आवास पर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज का बीकेटीसी अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने भब्य स्वागत किया तथा वेदपाठियों ने स्वास्तिवाचन किया
श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में मंदिर में दर्शनों के पश्चात श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी शंकराचार्य 1008स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज का स्वागत किया शाल, तुलसी माला, स्मृति चिन्ह तथा भगवान बदरीविशाल का प्रसाद भेंट किया।
दर्शन के पश्चात मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो के उदघोष तथा श्री बदरीनाथ, राम जन्म भूमि कृष्ण जन्म भूमि काशी विश्वनाथ की जय के साथ अपने उद्बोधन में कहा कि सनातन धर्म की रक्षा हेतु आदि गुरु शंकराचार्य जी ने देश में चार पीठों की स्थापना की। श्री ज्योतिषपीठ के द्वारा सनातन धर्म की ध्वजा को आगे बढाया जा रहा है। सबके अंतःकरण में भगवान बदरीविशाल विराजमान हो तथा सबकी यात्रा मंगलमय रहे शंकराचार्य ने सनातन संस्कृति के सरंक्षण तथा यात्रा व्यवस्थाओंं हेतु उत्तराखंड सरकार तथा बीकेटीसी द्वारा किये कार्यों पर प्रसन्नता जताई।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज सहित सभी संतों के स्वागत अभिनन्दन में कहा कि सनातन धर्म के ध्वजवाहक शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा है। संतो के मार्गदर्शन में यात्रा सकुशल चल रही है। संतों का स्नेह आशीर्वाद आगे भी इसी तरह बना रहेगा।
बीकेटीसी उपाध्यक्ष एवं ज्योतिष पीठ पुरोहित ऋषि सती ने कहा शंकराचार्य महाराज वासुदेवानंद सरस्वती का सदैव आशीर्वाद सबके साथ रहा है उन्होंने सभी हक हकूकधारियों, डिमरी पंचायत पंडा पंचायत, का आभार जताया।
Reported By: Arun Sharma