साइबर ठगी का एक नया तरीका सामने आया है जिसे “डिजिटल अरेस्ट” कहा जा रहा है। इसमें साइबर अपराधी थाने या कोतवाली की हूबहू तरह दिखने वाला सेटअप तैयार कर रहे हैं। इन ठगों का सरगना भी पुलिस की वर्दी में दिखाई देता है, जिससे लोगों को वीडियो कॉल कर उन्हें धमकाया जाता है। इस दौरान पीड़ित व्यक्ति को विश्वास हो जाता है कि वह किसी असली थाने से बात कर रहा है, लेकिन जैसे ही उनके बैंक खाते से रकम निकाली जाती है, उन्हें ठगी का एहसास होता है।
देहरादून के साइबर थाने में “डिजिटल अरेस्ट” के जरिए ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस मामले में बचने के लिए **सीओ साइबर क्राइम अंकुश मिश्रा** ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी अंजान कॉल पर लालच में न आएं और कॉलर की सत्यता की पूरी जांच करें। बिना सत्यापन के किसी भी जानकारी या दस्तावेज को साझा न करें। ऑनलाइन जॉब के लिए आवेदन करने से पहले साइट और संबंधित कंपनी का पूरा वैरीफिकेशन करवाएं। साथ ही, गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च न करें। अगर किसी प्रकार का संदेह हो तो तुरंत पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
यदि आप वित्तीय साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।
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Ankush Mishra, सीओ साइबर क्राइम
Reported by Arun Sharma