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ब्यूरो: उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों और दायित्वों के बंटवारे में हो रही देरी पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हरिद्वार, उधमसिंहनगर और चंपावत की 660.182 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड को हस्तांतरित करने पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
हरिद्वार स्थित यूपी सिंचाई विभाग गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी। बनबसा में भूमि हस्तांतरण, नहरों के संचालन, जल निकासी और बैराज निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
मंत्री ने टिहरी बांध से मिलने वाले अतिरिक्त जल पर भी उत्तराखंड के अधिकार की मांग दोहराई और बनबसा बैराज पर पुराने पन्टून ब्रिज के स्थान पर नया पुल बनाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित मामलों पर तत्काल कार्यवाही की जाए और यूपी सरकार से आदेश जारी कराए जाएं।
उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश को जाने वाले शिलाखाला नाले की सफाई हेतु विचार-विमर्श हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा सम्बन्धित खण्ड को नाले की सफाई कराने हेतु निर्देशित किया गया।
प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि 25 अगस्त 2021 को टिहरी बांध की ऊंचाई 02 मीटर बढ़ाने से वर्तमान में टिहरी बांध से 4879 क्यूसेक अतिरिक्त जल भीमगौडा बैराज पर उपलब्ध हो रहा है जिसका सम्पूर्ण उपयोग उ०प्र० द्वारा किया जा रहा है, जबकि उ०प्र० की मांग 4000 क्यूसेक है। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा 4879 क्यूसेक अतिरिक्त जल से 665 क्यूसेक जल की मांग की गयी है जो बहुत कम है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बनबसा बैराज पर पन्टून ब्रिज अत्यन्त पुराना है जिसके निर्माण की आवश्यकता है, किन्तु बनबसा बैराज का नियंत्रण उ०प्र० सिंचाई विभाग के अधीन है। इसके निर्माण हेतु भी तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए।