महाकुंभ-2025 के पुण्यकाल में, त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान का अनुभव अत्यंत अद्वितीय और दिव्य था। इस अवसर पर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और राज्य की उन्नति के लिए भगवान से प्रार्थना की गई। महाकुंभ शताब्दियों से सनातन धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को बनाए रखते हुए, यह कार्यक्रम न केवल आध्यात्मिक चेतना को जागृत करता है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और विश्व बंधुत्व के प्रतीक के रूप में मानवता को नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करता है
महाकुम्भ पहुंचे सीएम धामी ने ट्वीट कर लिखा कि
“पतितपावनी माँ गंगा, माँ यमुना एवं माँ सरस्वती के परमपवित्र दिव्य त्रिवेणी संगम में महाकुंभ-2025 के अलौकिक एवं पुण्यदायी कालखंड में सपरिवार स्नान का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इस अविस्मरणीय क्षण में पवित्र जलराशि से अभिसिक्त होकर आध्यात्मिक शुद्धि एवं दिव्यता का अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ। तीर्थराज प्रयाग की पुनीत धरा पर ईश्वर से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति के लिए प्रार्थना की।
महाकुंभ शताब्दियों से अपनी अक्षुण्णता बनाए रखते हुए सनातन धर्म की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्ता के माध्यम से कोटि जनों को धर्म व संस्कृति से जोड़ता आ रहा है। यह केवल आध्यात्मिक चेतना ही नहीं अपितु राष्ट्रीय एकता, अखंडता और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है जो मानवता को नैतिक मूल्यों एवं विश्व मंगल की ओर प्रेरित करता है।“