धर्मनगरी हरिद्वार में कल दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। देर-रात तक आतिशबाजी छुड़ाई जाती रही। हालांकि पंचांगों के अलग-अलग सिद्धांतों के चलते आज भी अपनी मान्यता अनुसार लोग दीपावली मना रहे हैं। सरकार ने भी दीपावली का दो दिन अवकाश किया है। जिसके कारण इसबार लोगों को दो दिन दीपावली मनाने का अवसर मिला है।
शासन ने पहले 1 नवंबर को दीपावली का अवकाश किया था फिर इसे बदलकर 31 अक्टूबर कर दिया गया। इसपर देहरादून में सचिवालय कर्मचारी संघ ने आपत्ति की तो मुख्य सचिव की पहल पर 1 नवंबर का भी दीपावली अवकाश घोषित कर दिया गया।
एक सिद्धांत के अनुसार दीपावली की रात में अमावस्या अवश्य होनी चाहिए।ऐसी मान्यता के लोगों ने कल दीपावली मना ली । दूसरे सिद्धांत के अनुसार सूर्योदय व सूर्यास्त पर जो तिथि विद्धमान हो उसी के अनुसार पर्व होना चाहिए।इस सिद्धांत को मानने वाले आज दीपावली मनाएंगे हालांकि आज रात में अमावस्या नहीं होगी।
निर्णय सिंधु, धर्म सिंधु के अनुसार भी दीवाली आज 1 नवंबर को होनी चाहिए, परंतु जो लोग प्रदोष काल में पूजन नहीं करते हैं, निशीथ काल और महा निशीथ काल में पूजन करते हैं उन्हें आज यह अवसर नहीं मिलेगा। जो लोग प्रदोष काल में पूजन करते हैं वह लोग आज 1 नवंबर को सांय 6.30 बजे तक ही महा लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं। उल्लू पूजा, तांत्रिक प्रयोग, मंत्र जाप, लक्ष्मी प्राप्ति के अनुष्ठान 31 अक्टूबर की रात्रि में ही संपन्न हो सकते थे। क्योंकि आज 1 नवंबर को अमावस्या बहुत कम समय के लिए शाम 18.17 तक ही होगी। उसके बाद प्रतिपदा होगी। उसमें लक्ष्मी पूजन नहीं होता। हालांकि त्यौहार के उल्लास में कहीं कोई बाधा नहीं है।
Reported by- Ramesh Khanna, Haridwar