विकासनगर, वृद्ध, विकलांग और विधवाओं की पेंशन में बढ़ोतरी न किए जाने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने आक्रोश जताते हुए विधायकों की “सोई हुई अंतरात्मा” जगाने का बीड़ा उठाया है। मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मोर्चा कार्यकर्ताओं ने तहसील घेराव किया और विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित ज्ञापन सांकेतिक रूप से उप जिलाधिकारी विनोद कुमार को सौंपा।
नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा विधवाओं, वृद्धों और विकलांगों को मात्र ₹1500 की पेंशन दी जा रही है, जो बेहद कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरी ओर प्रदेश के विधायक, जो लगभग 4-5 लाख रुपये प्रति माह वेतन और भत्ते के नाम पर ले रहे हैं, अपनी पेंशन बढ़ाने में तो पूरी तत्परता दिखाते हैं, लेकिन इन गरीब लोगों की सुध लेने में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने इस स्थिति को कष्टकारी और अत्यंत असंवेदनशील बताया। नेगी ने विधायकों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अधिकांश विधायक ठेकेदारी, कमीशन और अवैध कारोबार में लिप्त हैं, लेकिन जनता के कल्याण की चिंता उन्हें बिल्कुल नहीं है।
उन्होंने कहा कि विधायकों का वेतन इतना बढ़ाया जा चुका है कि अब उन्हें जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। इन विधायकों का क्षेत्र के हर चौराहे पर विरोध किया जाना चाहिए ताकि उनकी गैरत जाग सके। साथ ही, उन्होंने मांग की कि वृद्ध, विकलांग और विधवाओं की पेंशन कम से कम ₹3000 की जानी चाहिए ताकि वे अपने बच्चों पर निर्भर न रहकर स्वाभिमान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
नेगी ने कहा कि मौजूदा हालात में अधिकतर दंपति अपने बुजुर्ग माता-पिता को आर्थिक सहायता देना तो दूर, उन्हें खाना खिलाने में भी एहसान समझते हैं। ऐसे में इन बुजुर्गों और विधवाओं का सम्मान बनाए रखने के लिए पेंशन में बढ़ोतरी अत्यंत जरूरी है।
इस घेराव और प्रदर्शन में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, आर.पी. भट्ट, सुधीर गौड़, हाजी असद, वीरेंद्र सिंह, सायरा बानो, मनोज राय, संगीता चौधरी, सुनील, संध्या गुलरिया, अशोक अग्रवाल, और अन्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।