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श्री बदरीनाथ धाम से कुशल क्षेम जानने बामणी पहुंचे श्री कुबेर जी

Shri Kuber Ji

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श्री बदरीनाथ धाम से जैठ पुजै अर्थात ज्येष्ठ माह की पूजा हेतु दोपहर बाद श्री कुबेर जी देव डोली में समारोह पूर्वक कुशल क्षेम जानने के लिए बामणी गांव को प्रस्थान हुए।
मां नंदा माता मंदिर में पूजा-अर्चना पश्चात माता उर्वशी मंदिर में देवताओं के खजांची कुबेर को भोग अर्पित किया गया इस अवसर पर भंडारा भी आयोजित हुआ शायंकाल चार बजे श्री कुबेर जी माता उर्वशी मंदिर से वापस श्री बदरीनाथ मंदिर पहुंचे तथा पुनः मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गये।

परंपरा अनुसार श्री कुबेर भगवान ज्येष्ठ माह में भक्तों से मिलने कुशल क्षेम जानने एवं आशीर्वाद देने के लिए बामणी गाँव के उर्वशी मंदिर में आते हैं इसी के तहत बामणी गांव से बड़ी संख्या में श्री कुबेर देवरा एवं ग्राम कल्याण समिति के पदाधिकारी एवं महिला मंगल दल बामणी की भक्त मंडली कीर्तन भजन करते हुए दोपहर में श्री बदरीनाथ मंदिर पहुंचे जहां मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल तथा बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी ने देव पश्वाओं एवं भक्त मंडली तथा कुबेर देवरा समिति का अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया इस अवसर पर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, प्रशासनिक अधिकारी विवेक थपलियाल सहायक लेखाकार भूपेंद्र रावत आदि मौजूद रहे।

 

 

भगवान श्री बदरीनाथ जी के दिन के भोग के बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कुबेर जी की प्रतिमा को गर्भ गृह से कुबेर पश्वाओं को सौंपा भगवान बदरीविशाल की जय तथा जय श्री कुबेर भगवान के जय घोष के साथ श्री कुबेर जी देव डोली में विराजमान होकर बामणी को प्रस्थान हुए इस दौरान श्रद्धालुओं में भारी उत्साह रहा।

श्री नंदा माता मंदिर बामणी में पूजा-अर्चना पश्चात श्री कुबेर जी माता उर्वशी मंदिर में पहुंचे जहां पूजा-अर्चना भोग के पश्चात माता नंदा मंदिर के निकट भंडारा आयोजित हुआ। उर्वशी मंदिर के पुजारी ब्रजेश कन्नी तथा अमित कन्नी ने पूजा संपन्न की। भंडारे के पश्चात उर्वशी मंदिर बामणी से होकर प्रस्थान कर शायंकाल चार बजे श्री कुबेर जी बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान हो गये।

 

Reported By: Arun Sharma

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