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ब्यूरो: उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने हाल ही में नई दिल्ली में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों से भेंट कर राज्य के बहुआयामी विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर संवाद किया। नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा से हुई बैठक में पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर चर्चा हुई, जिसमें आगामी छह माह में बिडिंग प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया गया। देहरादून एयरपोर्ट पर रात्रिकालीन लैंडिंग सुविधा, पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के सुदृढ़ीकरण एवं हेली एम्बुलेंस सेवा पुनः प्रारंभ करने पर भी सकारात्मक चर्चा हुई।
मुख्य सचिव ने केदारनाथ में हालिया हेलीकॉप्टर क्रॉस लैंडिंग की घटना पर यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए DGCA से कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया। साथ ही, वन एवं पर्यावरण सचिव से मुलाकात में राज्य की प्रमुख परियोजनाएं — त्यूणी-प्लासू जल विद्युत परियोजना, ऋषिकेश-नीलकंठ रोपवे एवं सिरकारी भ्योल जल परियोजना — हेतु पर्यावरणीय मंज़ूरी की मांग की गई।
ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सुधार के लिए, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस को हरिद्वार व ऋषिकेश तक विस्तारित करने का प्रस्ताव दिया गया। पेयजल एवं स्वच्छता सचिव के साथ बैठक में जल जीवन मिशन के तहत ₹3000 करोड़ की लंबित राशि शीघ्र जारी करने की मांग की गई, साथ ही चारधाम यात्रा में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने का आग्रह भी किया गया।
राज्य में आपदा के दौरान वायुसेना से मिलने वाली सेवाओं पर शुल्क माफ करने के लिए रक्षा सचिव से चर्चा की गई। MSME सचिव से उत्तराखंड को पूर्वोत्तर राज्यों की भांति 90% लागत सहायता देने एवं टूल रूम, टेस्टिंग व टेक्नोलॉजी सेंटर के विकास का अनुरोध किया गया।
स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने हेतु ‘हाउस ऑफ हिमालय’ को ब्रांड के रूप में प्रमोट करने की दिशा में ग्रामीण विकास सचिव से विचार विमर्श किया गया। दिल्ली, मुंबई व कोलकाता एयरपोर्ट्स पर इसके आउटलेट्स खोलने का सुझाव भी दिया गया।
राज्य को फिल्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की मेज़बानी हेतु सूचना एवं प्रसारण सचिव से समर्थन मांगा गया। हरिद्वार कुंभ-2027 के आयोजन हेतु व्यय सचिव से विशेष वित्तीय सहायता की भी मांग की गई।
अंत में, प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से मुलाकात कर राज्य की प्राथमिक आवश्यकताओं — जैसे कि नागरिक उड्डयन का सुदृढ़ीकरण, कुंभ 2027, एवं अवस्थापना विकास — के लिए सहयोग का अनुरोध किया गया। प्रमुख वाहन निर्माताओं के साथ हुई बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति के तहत निवेश की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।