Home » उत्तराखंड में 30 नवंबर को होगी महापंचायत, टिकैत ने दी सहमति

उत्तराखंड में 30 नवंबर को होगी महापंचायत, टिकैत ने दी सहमति

Loading

देहरादून, 22 नवंबर 2024: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने मुख्यमंत्री आवास पर 30 नवंबर को होने वाली अनिश्चितकालीन महापंचायत में भाग लेने के लिए किसान नेता चौधरी राकेश सिंह टिकैत की सहमति प्राप्त कर ली है। टिकैत की सहमति के बाद महापंचायत की तिथि 29 नवंबर से बढ़ाकर अब 30 नवंबर कर दी गई है। इस महापंचायत का आयोजन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सरकारी आवास पर होगा, जो राज्य की पंचायतों के कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन बन सकता है।

कार्यकाल बढ़ाने की मांग

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन पिछले दो वर्षों से राज्य के 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल प्रशासनिक समिति के माध्यम से दो साल बढ़ाए जाने की मांग कर रहा है। संगठन का आरोप है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बार-बार आश्वासन दिया था कि एक महीने के भीतर इस मुद्दे पर रिपोर्ट पेश की जाएगी, लेकिन अभी तक इस रिपोर्ट को संगठन के सामने नहीं रखा गया है। इससे संगठन में मुख्यमंत्री के प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है। चार माह से संगठन को केवल आश्वासन मिल रहे हैं, जबकि उनकी मांगों का समाधान नहीं हो रहा।

मुख्यमंत्री से नाराजगी

संगठन के नेताओं का कहना है कि सरकार के लगातार कोरे आश्वासनों के बाद उन्होंने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। संगठन के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि किसान यूनियन और राज्य के सभी लोकतांत्रिक संगठनों को महापंचायत के समर्थन के लिए आमंत्रित किया गया है। उनका कहना है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने की यह मांग संवैधानिक आधार पर है, और राज्य सरकार को इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए।

70 हजार सदस्य तैयार हैं कुर्बानी देने के लिए

मर्तोलिया ने यह भी कहा कि संगठन ने यह संकल्प लिया है कि अगर सरकार ने इस मामले में जल्द कोई कदम नहीं उठाया, तो वे प्रशासनिक समिति के माध्यम से कार्यकाल बढ़ाए जाने का आदेश लेकर ही लौटेंगे। इसके लिए संगठन के 70 हजार सदस्य किसी भी प्रकार की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।

महापंचायत की महत्वता

इस महापंचायत में शामिल होने के लिए किसानों और पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा राज्य के अन्य राजनीतिक और सामाजिक संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है। महापंचायत का उद्देश्य सिर्फ कार्यकाल बढ़ाने की मांग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की पंचायत व्यवस्था के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। संगठन का मानना है कि यह मुद्दा न केवल पंचायत प्रतिनिधियों के लिए बल्कि राज्य की विकास प्रक्रिया के लिए भी आवश्यक है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि महापंचायत के आयोजन के बाद राज्य सरकार इस मुद्दे पर कब और किस प्रकार कदम उठाती है, और क्या इसे सुलझाने के लिए कोई ठोस समाधान निकाला जाएगा।

Reported by : Arun Saini

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *