Home » उपनलकर्मियों के मामले में रिव्यू पिटिशन दायर करना सरकार के लिए आत्मघाती कदम: जन संघर्ष मोर्चा

उपनलकर्मियों के मामले में रिव्यू पिटिशन दायर करना सरकार के लिए आत्मघाती कदम: जन संघर्ष मोर्चा

sub-contractors

Loading

विकासनगर,

जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जी. एम. वी. एन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार के खिलाफ बड़ा बयान देते हुए उपनलकर्मियों के मामले में रिव्यू पिटिशन दायर करने के फैसले को ‘आत्मघाती कदम’ बताया। पत्रकारों से वार्ता के दौरान नेगी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार की एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) खारिज होने के बाद भी, अधिकारियों ने सरकार को रिव्यू पिटिशन दायर करने की सलाह दी है, जोकि न केवल गलत है, बल्कि सरकार के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि रिव्यू पिटिशन में बहुत सीमित स्कोप होता है, और इसका कोई खास कानूनी लाभ नहीं होता।

नेगी जी ने आगे कहा, “सरकार को समझना चाहिए कि रिव्यू पिटिशन पर लाखों रुपए लुटाने से कोई फायदा नहीं होने वाला। प्राइवेट वकीलों पर खर्च होने वाला पैसा जनता के टैक्स से आता है, और इसे ऐसे बेकार में बर्बाद करना सही नहीं है। सरकार को तत्काल उपनलकर्मियों को नियमितीकरण का लाभ प्रदान करना चाहिए, या फिर कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए ताकि इन कर्मियों को उनका वाजिब हक मिल सके।”

पूर्व अनुभव और सरकार की विफलता
नेगी जी ने बताया कि इससे पहले भी सरकार ने वर्कचार्ज कर्मियों के पेंशन मामले को सुप्रीम कोर्ट की लार्जर बेंच तक ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन उसमें भी सरकार को निराशा ही हाथ लगी थी। इसके बावजूद सरकार उसी गलती को दोहराने की तैयारी में है।

“सरकार को यह याद रखना चाहिए कि उपनलकर्मियों के नियमितीकरण को लेकर उच्च न्यायालय ने 12 नवंबर 2018 को ही सरकार को इनके नियमितीकरण के निर्देश दिए थे, लेकिन सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। 1 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब एसएलपी खारिज होने के बाद सरकार के पास इन कर्मियों को उनका हक देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है,” नेगी जी ने कहा।

उपनलकर्मियों की चिंताएं और सरकार की अनदेखी
नेगी जी ने यह भी कहा कि उपनलकर्मी, जो पिछले 10-15 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार इन कर्मियों की परेशानियों को अनदेखा कर रही है और उनके लिए राहत के कदम उठाने से कतरा रही है। नेगी ने सरकार से अपील की कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए उपनलकर्मियों को जल्द से जल्द नियमितीकरण और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं।

“यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने लंबे समय से अपनी सेवाएं देने वाले कर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार को न्यायपालिका के आदेशों का पालन करते हुए इन कर्मियों को उनका हक देना चाहिए,” नेगी जी ने कहा।

पत्रकार वार्ता के दौरान जन संघर्ष मोर्चा के महासचिव आकाश पंवार और अमित जैन भी उपस्थित थे, जिन्होंने नेगी के बयानों का समर्थन किया।

मोर्चा ने सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्द ही उपनलकर्मियों के नियमितीकरण पर कोई ठोस निर्णय लेकर उन्हें न्याय दिलाने का काम करे।

 

देखिए वीडियो-

sub-contractors

 

sub-contractors

 

 

 

-Crime Patrol

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *