गोविंद सिंह प्रकाश पर्व सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती का पावन पर्व है। सिख धर्म द्वारा यह पर्व हर साल श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। देहरादून में श्री गोविंद सिंह प्रकाश पर्व के अवसर पर शहर में एक भव्य यात्रा निकाली गई। यह यात्रा सिख समुदाय द्वारा आयोजित की गई थी। और इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
यात्रा में सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में रखा गया था। और इसे शहर के विभिन्न हिस्सों में ले जाया गया। यात्रा के दौरान, लोगों ने गुरबाणी के श्लोकों का पाठ किया और गुरु गोविंद सिंह जी की जीवनी और उनके उपदेशों को याद किया।
यात्रा के अंत में, एक भव्य समारोह आयोजित किया गया।
गुरु गोविंद सिंह का जीवन परिचय
गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना साहिब में हुआ। उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नौवें गुरु थे, जिन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की, जो धर्म और मानवता की रक्षा के लिए समर्पित था। उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी अन्याय और अधर्म के खिलाफ लड़ते हुए बिताई।
प्रकाश पर्व का महत्व
प्रकाश पर्व सिख समुदाय के लिए केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाओं और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का अवसर है। यह पर्व उनके बलिदान, समर्पण, और मानवता के प्रति उनके प्रेम को याद करने का दिन है। गुरु गोविंद सिंह जी न केवल एक महान आध्यात्मिक गुरु थे, बल्कि वे एक वीर योद्धा, अद्वितीय कवि और मानवता के महान प्रेरणा स्रोत भी थे। उनके जीवन और उनके योगदान का स्मरण करने के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है।