Home » Sandeshkhali Case : संदेशखाली के मुद्दे पर बीजेपी और टीएमसी में बीच सियासत जारी

Sandeshkhali Case : संदेशखाली के मुद्दे पर बीजेपी और टीएमसी में बीच सियासत जारी

Loading

कोलकाता : Sandeshkhali Case  पश्चिम बंगाल के संदेशखाली सियासत का गढ़ बन गया। इलाके में टीएमसी नेताओं द्वारा 2011 से यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सियासत गरमा गई है। NCSC (राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग) ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है तो वहीं बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को संदेशखाली जाने से रोके जाने पर दिल्ली तक सियासत गर्म है।

9 foods keep you hydrated in winter

कठघरे में टीएमसी का दफ्तर

आज तक की रिपोर्ट ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें पार्टी के दफ्तर में बुलाया जाता था। नहीं जाने पर उनके परिवार के पुरुषों को धमकी दी जाती है। इस मामले में महिलाओं ने संदेशखाली के मास्टमाइंड कहे जा रहे टीएमसी नेता शाहजहां शेख के अलावा शिबू हजारा और उत्तम सरकार के नाम लिए हैं। ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए ये आरोप टीएमसी को परेशान करने वाले हैं।

संदेशखाली (Sandeshkhali Case) में महिलाओं से बातचीत में सामने आया है कि शाहजहां शेख के लोगों न सिर्फ महिलाओं के साथ अत्याचार किया बल्कि उनके मछली पालन वाली जमीन भी कब्जा ली थी। यही वजह है जब राशन घोटाले में पहली ईडी की टीम ने पिछले महीने पांच जनवरी को शाहजहां शेख के खिलाफ कार्रवाई को पहुंची तो वहां के लोगों को लगा कि अब अत्याचार से छुटकारा मिला।

महिलाओं को हिम्मत मिलने पर उन्होंने प्रदर्शन किया तो आरोप है कि उन्हें शाहजहां शेख के करीब शिबू हजारा ने धमकाया, तो उसके महिलाओं ने गुस्से में पोल्ट्री फार्म को आग के हवाले कर दिया। आरोप है कि हजारा ने कुछ कब्जे की जमीन के साथ सरकारी जमीन पर पोल्ट्री फार्म बनाए थे।

देर रात बुलाने का आरोप

संदेशखाली में 13 साल के लंबे अत्याचार और खौफ के बाद टूटी महिलाओं की खामोशी में सामने आया है कि उन्हें देर रात पार्टी दफ्तर में बुलाया जाता था। इसके बाद उन्हें मनोरंजन करने के लिए कहा जाता थ। अगर महिलाएं मना करती थीं तो उन्हें शाहजहां शेख के लोग परेशान करते थे। महिलाओं ने टीवी इंटरव्यू में बताया कि शाहजहां शेख, शिबू हजारा और उत्तम सरकार के लोग नाबालिग बच्चों को नहीं छोड़ते थे। उन्हें शराब के साथ हथियार थमा देते थे।

विपक्षी दल बीजेपी इस मुद्दे पर हमलावर

पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी इस मुद्दे पर हमलावर है। पार्टी की प्रदेश इकाई के नेता इस मुद्दे पर उग्र हैं तो वहीं केंद्रीय नेतृत्व से अब स्मृति मंत्री, गौरव भाटिया, रविशंकर प्रसाद इस मुद्दे को उठा चुकी हैं। अब बीजेपी की केंद्रीय राज्य मंत्री दर्शना जरदोश और स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं। संदेशाली में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए राज्य बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को अस्पताल से छुट्‌टी मिल चुकी है।

बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को संदेशखाली (Sandeshkhali Case) नहीं जाने दिए जाने पर अब बीजेपी इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है तो वहीं टीएमसी दफ्तर में शोषण के आरोप टीएमसी के लिए नई मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अगर संदेशखाली के हालात नहीं संभले तो केंद्र सरकार दखल देगी, तो वहीं पूर्व में टीएमसी में रह चुके पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस मामले की तुलना नंदीग्राम से की है।

MP Politics : पिता कमलनाथ के साथ नकुलनाथ भी होंगे बीजेपी में शामिल?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *