Home » भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर ऐतिहासिक राउंडटेबल, IPRS और WIPO की संयुक्त पहल

भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर ऐतिहासिक राउंडटेबल, IPRS और WIPO की संयुक्त पहल

Intellectual Property Rights

Total Views-251419- views today- 25 2 , 1

भारत के एंटरटेनमेंट और क्रिएटिव इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक पहल के तहत इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (IPRS) ने वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइज़ेशन (WIPO) की डिप्टी डायरेक्टर जनरल सिल्वी फॉर्बिन के पहले आधिकारिक भारत दौरे के अवसर पर मुंबई में एक विशेष बंद-द्वार राउंडटेबल चर्चा का आयोजन किया।

इस उच्च स्तरीय चर्चा की अध्यक्षता प्रख्यात गीतकार और IPRS के चेयरमैन जावेद अख्तर ने की। इसमें भारत के अग्रणी गीतकारों, संगीतकारों, पटकथा लेखकों, म्यूज़िक लेबल्स, प्रकाशकों, कानूनी विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया। चर्चा का केंद्र बिंदु था—AI और डिजिटल युग में रचनात्मकता की रक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने में बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) की भूमिका।

सिल्वी फॉर्बिन ने भारतीय संगीत उद्योग की तकनीकी जागरूकता की सराहना करते हुए कहा कि AI युग में नीति और व्यावसायिक समाधानों की दिशा में भारत के रचनाकारों के साथ काम करना उत्साहजनक होगा।

जावेद अख्तर ने रचनाकारों की पहचान और उनके अधिकारों की रक्षा को चर्चा का मूल उद्देश्य बताया। उन्होंने कहा कि यह संवाद केवल रॉयल्टी तक सीमित नहीं बल्कि रचनात्मक समुदाय को उसका सम्मान दिलाने का प्रयास है।

SWA के जनरल सेक्रेटरी ज़मां हबीब और SIMCA के सेक्रेटरी श्रीधर जे. स्वामिनाथन ने भी IPRS की इस पहल की सराहना की और इसे रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

इस चर्चा में IPRS के CEO राकेश निगम, IMI के ब्लेज़ फर्नांडीस, ISAMRA के संजय टंडन, टर्नकी म्यूज़िक के अतुल चुरमानी, सोनी म्यूज़िक पब्लिशिंग के दिनराज शेट्टी, और कलाकारों में सलीम मर्चेंट, कौसर मुनीर, विशाल ददलानी, स्नेहा खनवलकर समेत कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया।

यह राउंडटेबल भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को टिकाऊ और संरक्षित बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ।

Reported By: Shiv Narayan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!